हमारे शरीर का बेहतर तरीके से विकास में खूब मुख्य भूमिका निभाता है। इसकी कमी के चलते व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए स्वस्थ लोगों को रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ताकि जिनको इसकी जरूरत हो उन्हें खून चढ़ाकर उनकी जान बचाई जा सके। इसलिए लोगों को रक्तदान के प्रति बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर में हर साल 14 जून को 'World Blood Donor Day' यानि 'विश्व रक्तदाता दिवस' दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में जरूरत के हिसाब से खून उपलब्ध करवाना है। चलिए आज हम आपको दिवस को मनाने की शुरुआत, महत्व आदि के बारे में बताते हैं...
इसतरह हुई विश्व रक्तदाता दिवस मनाने की शुरुआत
वैसे तो इस दिन को मनाने का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इसे सबसे पहले साल 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मनाया गया था। तब से इस दिन को हर साल 14 जून को मनाया जाने लगा।
इस साल की थीम
हर साल इस दिन को मनाने के लिए अलग-अलग थीम रखी जाती है। इस साल इसकी थीम 'खून दो और दुनिया को धड़कने दो' रखी गई है। आज के दिन खासतौर पर लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ताकि जिनकी इनको जरूरत हो उन्हें दिया जा सकता है। साथ ही आगे जरूरत के लिए इसे ब्लड बैंक में इसके संभाल कर रखा जा सके।
इस वैज्ञानिक के जन्मदिन पर मनाया जाने लगा यह दिवस
बात इस दिन को मनाने की करें तो रक्तदान दिवस को कार्ल लैंडस्टेनर के जन्म दिन पर मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टेनर एक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने दुनिया को ब्लड ग्रुप सिस्टम से अवगत यानि परिचित करवाया था। वहीं इस बात की खोज करने पर उन्हें सन 1930 में नोबेल पुरस्कार भी मिला था। आज के दिन उनका जन्मदिन होता है। ऐसे में इस दिन को उनके सम्मान व याद के तौर पर मनाया जाने लगा।
विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का महत्व
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक व बढ़ावा देना है। अगर लोग खुद अपनी इच्छा से खून का दान करेंगे तो ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में खून स्टोर होगा। ऐसे में जरूरत पड़ने पर मरीज को यह खून चढ़ाकर उसकी जान बचाई जा सकती है। ऐसे में किसी की एक पहल से किसी को नया जीवन मिल सकता है।
इन लोगों को करना चाहिए रक्तदान
अब बात रक्तदान की करें तो डॉक्टरों के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से अधिक हो वह खून दान कर सकता है। साथ ही रक्तदान करने वाले का वजन 45 किलोग्राम से अधिक होना जरूरी है।