आजकल आपने सिर्फ पुरुषों को ही रेलगाड़ी चलाते हुए देखा देखा होगा कि लेकिन महिला क्रू की एक टीम ने लोगों की इन धारणाओं को भी तोड़ दिया। दरअसल, हाल ही में एक महिला क्रू टीम ने महाराष्ट्र के पालघर से गुजरात के वडोदरा तक चली मालगाड़ी को पूरी तरह से खुद ऑपरेट किया। यही नहीं, महिलाओं ने बिना किसी परेशानी के उसे स्टेशन तक पहुंचाकर एक इतिहास रच दिया है।
रेलवे अधिकारी बोले- यह गेम चेंजर
महिला क्रू की इस टीम में लोको पायलट कुमकुम एस डोंगरे, असिस्टेंट लोको पायलट उदिता वर्मा और गुड्स गार्ड अनुष्का रे शामिल हैं। 43 क्लोज वैगन वाली यह मालगाड़ी 3,686 टन कार्गो लदी हुई थी। महिलाओं ने मालगाड़ी को वसई रोड से सुबह 6.11 बजे 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर 6 घंटे के अंदर वडोडरा स्टेशन पहुंचाया। पश्चिम रेलवे के चीफ स्पोक्सपर्सन सुमित ठाकुर ने कहा कि यह गेम चेंजर उपलब्धि है, जिससे बाकी महिलाओं को भी प्ररेणा मिलेगी।
पहली बार महिलाओं ने ऑपरेट की मालगाड़ी
बता दें कि ऐसा पहली हुआ जब महिला क्रू ने पूरी तरह से गुड्स ट्रेन को ऑपरेट किया हो। लोको पायलट और गुड्स गार्ड के बीच लंबी दूरी होती है, जिसका सफर आसान नहीं होता लेकिन इन महिलाओं ने इस चुनौती को बड़ी ही आसानी से पूरा कर दिखाया।
प्रीति कुमारी बनी थीं पहली मोटरमैन
बता दें कि प्रीति कुमारी कुछ साल पहले पश्चिमी रेलवे की मुंबई, लोकल ट्रेन की पहली मोटरमैन बनी थी। इसके अलावा वह पहले भावनगर के कई डिवीजन में बतौर महिला कुली का भी काम कर चुकी हैं।
रेलवे अधिकारियों ने की प्रशंसा
रेलवे अधिकारियों ने महिलाओं का हौंसला और काम को देखकर कहा कि महिलाएं रेलवे के हर डिपार्टमेंट में काम कर सकती हैं। हालांकि कई महिलाएं ऐसे काम भी कर रही हैं जो पहले सिर्फ पुरुषों के लिए ही माने जाते थे। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने साबित कर दिया कि औरतों के लिए कोई भी काम नामुमकिन नहीं। तारीफ के साथ उनका सम्मान भी किया गया।