अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही मानों वहां की जिदंगी थम सी गई हो। हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। लोग अपने बसे बसाए घर छोड़ कर देश से भाग रहे हैं। यह डर और खौफ का मंजर देख पूरी दुनिया भी सदमें हैं। वहीं अफगानिस्तान की महिलाओं को तालिबानियों की हिंसा का सबसे ज्यादा डर सता रहा हैं वह अपने अधिकारों और आजादी को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं। इस डरावने माहौल में ऐसी ही एक महिला की दास्तां सामने आई हैं जिसने बताया कि तालिबानी आने वाले दिनों कैसे महिलाओं का जीना दुश्वार कर देंगे।
तालिबानी से डरी और सहमी हुई है अफगानी नेशनल आर्मी अफसर कुबरा बेहरोज़
कुबरा बेहरोज़ एक अफगानी नेशनल आर्मी का हिस्सा है। उन्होंने अफगानिस्तान में चल रहे हालातों पर बताया कि जब मैं नेशनल आर्मी में शामिल हुईं थीं तो उस समय वह बहुत गर्व महसूस कर रही थीं। अब, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है तो वह डरी और सहमी हुई हैं।
'मुझे किसी के अधीन नहीं रहना है, मैं अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं'
सेना में शामिल होने के अपने फैसले पर कुबरा बेहरोज़ ने कहा कि मुझे किसी के अधीन नहीं रहना है। मैं अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं। अफगानिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में महिलाओं के सेना में भर्ती होने को अजीब नजर से देखा जाता है। ब्रिटेन के एक अखबार से बातचीत में बेहरोज़ ने कहा कि मैं अपने देश से प्यार करती हूं और हम आधुनिक दुनिया में कदम रखने वाले अफगानों की अगली पीढ़ी हैं।
तालिबान के काबुल पहुंचते ही लड़ाकों ने महिलाओं के ब्यूटी पार्लरों को किया नष्ट
33 साल की बेहरोज़ ने बताया कि उन्होंने तालिबान के काबुल पहुंचने से पहले ब्यूटी पार्लरों के मालिकों को अपनी खिड़कियों पर पेंटिंग करते और कैसेट की दुकानों में कर्मचारियों को संगीत उपकरणों को नष्ट करते हुए देखा था। बेहरोज़ के लिए ख़तरा विशेष रूप से बढ़ गया है।
एक सैनिक होने के नाते मुझे जेल में डाल दिया जाएगा और बलात्कार किया जाएगा
बेहरोज़ ने बताया कि लोग कहते हैं कि अगर तालिबान हमें पा गए तो हमारे सिर काट देंगे। मुझे डर है कि एक सैनिक होने के नाते मेरा अपहरण कर लिया जाएगा, जेल में डाल दिया जाएगा और बलात्कार किया जाएगा। मुझे अपने भविष्य और अपने परिवार को लेकर डर लग रहा है। बेहरोज के पश्तून सहयोगी और महिला सहकर्मी बचकर रहने की हिदायत दे रहे हैं। बेहरोज ने कहा कि अगर तालिबान हमें पा गए तो वे हमारा गला रेत देंगे।
2 महिलाओं का सिर इसलिए काट दिया गया था क्योंकि वे पुलिसकर्मी थीं
आपको बता दें कि बेहरोज़ का भाई भी सेना में हैं जो पिछले हफ्ते गजनी प्रांत में लड़ाई में घायल हो गए थे। उन्हें किसी ने बताया कि चार साल पहले दो महिलाओं का सिर काट दिया गया था क्योंकि वे पुलिसकर्मी थीं।
वहीं यह भी बता दें कि कुछ महीनें पहले तालिबानियों ने अफगान के मुल्लाओं से 15 से 45 वर्ष की कुंवारी और विधवाओं की लिस्ट मांगी थी जिसके चलते तालिबानी अपने लड़ाकों से उनकी शादी कर सकें।
बलात्कार होने पर लड़की को बलात्कारी से शादी करने के लिए किया जाता है मजबूर
वहीं ज़िना नामक एक प्रथा के तहत, अफगानिस्तान में अगर किसी लड़की के साथ बलात्कार होता है तो उसे आमतौर पर उसके बलात्कारी से शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है या फिर उसके "शर्मनाक" व्यवहार के लिए उसके पूरे परिवार को सामुदायिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है।