यूं तो प्रैगनेंसी का हर महीना खास होता है लेकिन प्रैगनेंसी के 8 महीने में महिला को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों कहा जाता है ? तो चलिए आज प्रैगनेंसी के आठवें महीने के बारे में ही आपको बताते हैं। प्रैगनेंसी का आठवां महीना यानि कि शिशु के पैदा होने में कुछ ही समय बाकी रहता है और यहीं आखिरी समय ज्यादा सावधानी बरतने वाले भी। आठवां महीना बहुत ही नाजुक माना जाता है। महिला इस समय अपनी गर्भावस्था के अंतिम चरण में होती है। इस समय बच्चे का आकार ऐसा होता है कि उसने आपके गर्भाश्य को घेर रखा होता है औऱ वह पहले की तरह पेट में उछलकूद नहीं कर सकता। इस समय उसके मूवमेंट पर पूरा ध्यान रखने की जरूरत होती है अगर कम और ज्यादा मूवमेंट हो तो डाक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए इसीलिए इस महीने में खाने-पीने, बैठने-उठने सोने तक, हर तरह की सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
इस दौरान गर्भवती को क्या-क्या समस्या होती है?
इस महीने तक बच्चा पूरी तरह विकसित हो चुका होता है। इसलिए महिला को भारीपन महसूस होता है।
गर्मी महसूस होती है
चिड़चिड़ापन महसूस होता है।
यूरिन ब्लैडर पर प्रैशर पड़ता है बार-बार यूरिन आता है।
सीने में जलन होती है रात को नींद नहीं आती
कइयों को सांस लेने में परेशानी आती है।
क्या करें-क्या नहीं?
आठवें महीने में पीठ में दर्द रहता है क्योंकि बच्चे का वजन भी हो जाता है। स्तनों में रिसाव होने लगता है। वजन बढ़ने पर फेफड़ों पर भी प्रैशर पड़ता है जिससे सांस फूलने की परेशानी होती है। ये सब लक्षण आठवें महीने में आम है।
1. देर तक ना खड़े रहें
लेकिन वजन बढ़ जाता है पेट और पेड़ू पर बढ़ता जाता है। इससे आपकी पीठ में काफी दर्द हो सकता है इसलिए ज्यादा देर खड़े ना रहे। थोड़ी थोड़ी देर बाद पोजिशन चेंज करते रहें। इस समय आराम बहुत जरूरी है। पीठ के बल न लेटें। इस समय आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। पीठ के बल लेटना आपके लिए भी असहज होगा और बच्चे के लिए भी।
2. पूरी नींद लें
इस समय आपके लिए कम से कम 8 घंटे की नींद जरूरी है। पूरी नींद ना लेने से आप थकान महसूस करेंगे।
3. तनाव और टेंशन से दूर रहें
इस समय आप जितना टेंंशन और तनाव से दूर रहेंगे वो आपके लिए और बच्चे के लिए बेस्ट है। वो ही काम करें जिससे आप खुशी महसूस करते हैं।
4. आठवें महीने में फाइबर, आयरन कैल्शियम और विटामिन्स भरपूर आहार खाएं, आप जितना हैल्दी आहार खाएंगे उतना ही मां और बच्चे का स्वस्थ सही रहेगा। एक बार में ही भरपेट खाने की जगह आप थोड़ी मात्रा में कई बार खाएं। इससे एसिडिटी की समस्या नहीं होगी।
5. सुबह-शाम आधे घंटे घूमने से शरीर में रक्त संचार ठीक रहेगा। इसके अलावा मनोदशा भी सुखद रहेगी और आप तनाव से दूर रहेंगी।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें। अगर आपको किसी तरह का पेट में कसाव लग रहा है तो तुरंत जांच जरूर करवाएं। वहीं अगर आपका ब्लड प्रैशर बढ़ता है या अऩ्य कोई हैल्थ इश्यूज है तो साथ की साथ अपनी सेहत का ध्यान रखें और चेकअप करवाते रहे।