पितृपक्ष शांति और प्रसन्नता के लिए मनाया जाने वाला पर्व है। पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग के लिए उन्हें सम्मान देना ही श्राद्ध कहलाता है। श्राद्ध के 16 दिनों में तर्पण-पिंडदान आदि किया जाता है। चूंकि पितृपक्ष के समय परलोक गई आत्मा धरती पर आती है इसलिए लोग इसे शोकाकुल का समय मानते हैं। यही वजह है कि इस दौरान शुभ कार्य करना व खरीददारी वर्जित होती है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या वाकई इन दिनों में खरीददारी नहीं करनी चाहिए।
श्राद्ध में खरीददारी शुभ या अशुभ?
ऐसा कहा जाता है कि श्राद्ध के 16 दिनों में कोई भी खरीरदारी नहीं करना चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। जब पूर्वज आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं तो हमें नई वस्तु खरीदते देख खुध होते हैं। ऐसे में इन 16 दिनों में खरीदी जरूर करनी चाहिए। हालांकि पहली बात को अधिक जबकि दूसरी बात को मानने वाले लोग कम है।
मृत्यु और शोक से संबंधित पितृ-पक्ष
श्राद्ध पक्ष में मृत्यु देवता यमराज पूर्वजों की आत्मा को कुछ दिनों के लिए प्रियजनों से मिलने धरती पर भेजते हैं। ऐसे में पहली मान्यता वालों का पक्ष है कि श्राद्धपक्ष का संबंध मृत्यु और शोक से है इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ-मंगल काम, व्यावसायिक कार्यों को विराम देना चाहिए।
16 नंबर शुभता का प्रतीक
जबकि दूसरा पक्ष की मान्यका है कि 16 नंबर शुभता का प्रतीक है। वहीं पितरों का धरती पर आना अशुभ कैसे? वह भले ही सशरीर हमारे बीच ना हो लेकिन वो किसी और लोक के निवासी हैं। वे पवित्र आत्मा है और उनका सूक्ष्म रूप में आगमन कल्याणकारी है। ऐसे में खरीददारी करना वंशज सुख और संपन्न का प्रतिक है।
गणेश चतुर्थी और नवरात्रि के बीच में आते हैं पितृ पक्ष
शास्त्रों और पुराणों में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि पितृ पक्ष अशुभ समय होता है। यह केवल आम धारणा है। शास्त्रों की मानें तो पितृ गणेश आराधना और देवी पूजा के बीच में धरती पर भ्रमण करते हैं इसलिए शुभ कार्य करना मंगलकारी व लाभदायक है। शास्त्रों के अनुसार, कोई भी शुभ काम करने से पहले बप्पा की अराधना की जाता है। अगर इस आधार पर देखा जाए तो पितपृक्ष शुभ काल है ना कि अशुभ। ऐसे में पितरों के आभासी उपस्थिति में खरीददारी करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।
पितृ पक्ष के इन दिनों में कर सकते हैं खरीदारी
पितृ पक्ष में इस बार सर्वार्थ सिद्धि, रवि, अमृत सिद्धि योग के खास संयोग बन रहे हैं, जिसमें खरीरदारी और निवेश करना बहुत ही शुभ होता है। 21, 23, 24, 27, 30 सितंबर और 6 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि जबकि 26-27 सितंबर को रवि योग बन रहा है। वहीं, 27 व 30 सितंबर अमृत सिद्धि योग है, जो शिभ काम और खरीदारी के लिए बेहद शुभ है। इन योग में किए गए काम में सिर्फ वृद्धि होगी।
श्राद्ध के 16 दिनों में अनैतिक, आपराधिक, अमानवीय और गलत काम करने से बचना चाहिए ना कि शुभ व पवित्र कामों पर रोक लगानी चाहिए। यह भ्रम छोड़ दें कि 16 दिन अशुभ हैं बल्कि यह तो सामान्य दिनों से अधिक शुभ हैं क्योंकि इस दौरान पूर्वज हमारे साथ होते हैं और हमें देख रहे हैं।