04 NOVMONDAY2024 11:30:32 PM
Nari

भारतीय महिलाओं के लिए खास है हरियाली तीज, जानिए इससे जुड़ी व्रत कथा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 22 Jul, 2020 07:51 PM
भारतीय महिलाओं के लिए खास है हरियाली तीज, जानिए इससे जुड़ी व्रत कथा

भारतीय महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना व सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए हर साल हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह त्यौहार 23 जुलाई यानि कल मनाया जा रहा है। सावन महीने में आने वाला यह त्यौहार महिलाओं के लिए इसलिए भी खास होता है क्योंकि इस दिन वह अपनी सहेलियों के साथ मिलकर झूला-झूलती हैं और गीत गाती हैं।

PunjabKesari

महिलाओं के लिए खास क्यों खास है हरियाली तीज?

यह पर्व भगवान शिव व माता पार्वती के पुनर्मिलन के अवसर पर मनाया जाता है। वहीं,  तीज के इस पावन पर्व को श्रावनी तीज भी कहा जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तरी भारत, दक्षिणी भारत में मनाया जाता है। पेड़ों की डालों में पड़े झूले झूलती सुहागन स्त्रियां इस दिन ऊपर से लेकर नीचे तक सोलह श्रृंगार से सजी होती हैं। लोक गीतों का मजा उठाने के अलावा महिलाएं इस दिन व्रत भी रखती हैं। शास्त्रों में तीज के व्रत को करवा चौथ के समान ही माना गया है।

PunjabKesari

पूजन करने की विधि:

सुबह स्नान करने के बाद महिलाएं मायके से आए वस्त्र व गहने पहनकर सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके बाद मिट्टी व गंगाजल मिलाकर भगवान शिव की प्रतिमा बनाकर पूजा-अर्चना करती हैं और व्रत रखती हैं। इसके बाद तीज व्रत कथा सुनी जाती है, जिसके बाद व्रत अधूरा माना जाता है। ध्यान रखें कि पूजा करने के बाद भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश जी की आरती जरूर करें।

चलिए अब आपको बताते हैं हरियाली तीज व्रत कथा...

शिव पुराण के अनुसार, एक दिन भगवान शिव माता पार्वती को अपनी विवाह कथा सुनाते हुए स्मरण करवाते हैं,  "तुमने मुझे पति के रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया। मगर, तुम एक भी बार मुझे पति के रूप में पा ना सकी। 108वीं बार जब तुम पर्वतराज हिमालय के घर जन्मी तो मुझे वर रूप में पाने के लिए तुमने अन्न-जल त्यागकर, सूखे पत्तों चबाकर हिमालय पर घोर तपस्या की। तुम्हारी ऐसी स्थिति देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुखी हुए लेकिन तुम मेरी आराधना में लीन रही। तुमने भाद्रपद महीने, तृतीय शुक्ल को रेत का एक शिवलिंग बनाकर मेरी पूजा की, जिससे खुश होकर मैंने तुम्हारी मनोकामना पूरी की। तुमने अपने पिता से कहा कि भगवान शिव ने मेरी तपस्या से प्रसन्न होकर मुझे स्वीकार कर लिया है इसलिए जब आप मेरा विवाह भगवान शिव के साथ करवा देंगे मैं तभी आपके साथ चलूंगी। तुम्हारे बहुत मनाने पर तुम्हारे पिता मान गए और तुम्हारी इच्छा स्वीकार कर तुम्हें घर वापस ले गए। पूरे विधि विधान से हमारा विवाह संपन्न किया गया।"

PunjabKesari

"भगवान शिव कहते हैं कि हे पार्वती! हम दोनों का विवाह संभव हो सका, यह भाद्रपद शुक्ल तृतीया पर किी गई तुम्हारी आराधना व व्रत का ही परिणाम है। इस व्रत को पूरी निष्ठा से करने वाली प्रत्येक स्त्री की मैं हर मनोकामना पूरी करूंगा और जो भी स्त्री व्रत को पूरी श्रद्धा से पूरा करेगी, उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग की प्राप्ति होगी।"

Related News