मां बनना हर औरत के लिए ही खूबसूरत अहसास है। आपने कई बार गर्भवती महिला को यह कहते हुए सुना होगा कि बच्चा पेट में लात मार रहा है या कुछ हरकत कर रहा है। मगर क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? अगर बच्चा पेट में लात मारता है तो इसके कई कारण हो सकते हैं और आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगे।
चलिए जानते हैं आखिर किन कारणों से प्रेगनेंसी के दौरान मारता है बच्चा पेट में लात।
गर्भावस्था में बच्चे के पैर मारने से जुड़े 6 कारण
शिशु है बिल्कुल स्वस्थ
गर्भावस्था के दौरान बच्चा पेट में लात मारता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि यह उसके स्वस्थ होने का संकेत है। बच्चे के स्वस्थ होने पर ही ऐसी हरकतें होती हैं।
बाहरी परिवर्तन महसूस होना
प्रेगनेंसी के 3-4 महीने बाद शिशु का विकास होने लगता है। ऐसे में जब वह बाहरी गतिविधियों को महसूस करता है तो पेट में लात मारना शुरू कर देता है, जिसका अहसास मां को होता है।
एनर्जी मिलने पर मारता है लात
जब महिलाएं खाना खाती हैं तो उससे मां के साथ बच्चे को भी एनर्जी व पोषक तत्व मिलते हैं, जिसके कारण बच्चा पेट में हलचल करने लगता है।
मां के बाईं ओर लेटने भी है कारण
आपने देखा होगा कि जब आप बाईं तरफ सोती हैं तब बच्चा ज्यादा हरकतें करता है। ऐसा इसलिए बाईं तऱप सोने से भ्रूण में खून की कमी पूरा हो जाती है, जिसके कारण उसकी हलचल बढ़ने लगती है।
9 हफ्ते बाद शुरू होती है प्रक्रिया
बता दें कि पहली बार गर्भवती हुई महिला का भ्रूण जब 9 हफ्ते का हो जाता है तो वह लात मारना शुरू कर देता है जबकि दूसरी बार गर्भवती हुई महिला के साथ यह प्रक्रिया 13 हफ्ते बाद शुरू होती है।
अगर गर्भवती महिला के पेट में पल रहा बच्चा लात नहीं मारता तो समझ लें कि उसे पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। जबकि सही मात्रा में ऑक्सीजन मिलने पर बच्चा लात मारना शुरू कर देता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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