22 NOVFRIDAY2024 6:44:01 AM
Nari

जनता कर्फ्यूः PM मोदी ने क्‍यों चुना 22 मार्च का ही दिन? जानिए इसका वैज्ञानिक महत्‍व

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 22 Mar, 2020 01:09 PM
जनता कर्फ्यूः PM मोदी ने क्‍यों चुना 22 मार्च का ही दिन? जानिए इसका वैज्ञानिक महत्‍व

कोरोना वायरस को मात देने की भारत ने तैयारी कर ली है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों से 22 मार्च के दिन जनता कर्फ्यू करने की अपील की। साथ ही उन्होंने शाम 5 बजे घरों के दरवाजे, खिड़कियों और बालकनियाें पर आकर घंटे, तालियां बजाकर इस वक्त कोरोना के खिलाफ लड़ रहे लोगों का हौंसला बढ़ाने के लिए भी कहा।

Image result for coronavirus images

मगर, क्या आप जानते हैं कि पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू के लिए आखिर 22 मार्च का ही दिन क्यों चुना? चलिए आपको बताते हैं इसका वैज्ञानिक कारण...

उज्‍जैन स्थित धर्म विज्ञान शोध संस्‍थान पर तालियों और घंटेे की आवाज पर शोध हुआ है, जिसके तहद घंटे और तालियों की ध्‍वनि से होने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। शोधकर्ताओं के मुताबिक ध्‍वनि की फ्रीक्‍वेंसी कोरोना का साफ कर सकती है। शतभिषा नक्षत्र में हीलिंग पावर होती है। इसमें एक सुरक्षा चक्र बनाता है जो रक्षा करता है और इम्यून पावर बढ़ाकर मजबूती प्रदान करता है।

Image result for शतभिष नक्षत्र

22 को है विशेष नक्षत्रों का योग

शोधकर्ताओं के अनुसार 22 मार्च, रविवार, का दिन आम नहीं है। इस दिन तीन महत्‍वपूर्ण योग बन रहे हैं, असरकारक शतभिष नक्षत्र, राक्षस योग व शिवरात्र। इस दिन घरों में रहकर लोग ईश्‍वर आराधना के साथ तालियां और घंटे बजाते हैं तो वो ध्‍वनि चमत्‍कार का काम करती है। ध्‍वनि की तरंगे आसपास के हर बैक्टिरिया को खत्‍म करती हैं।

Image result for घंटी बजाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण

घंटी बजाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण
जब घंटी बजाई जाती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है, जो वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है। इस कंपन के क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है। यही कारण है कि जिन जगहों पर घंटी बजने की आवाज नियमित आती रहती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है।

Image result for a person claps and laugh images

ताली लाती है मन में शांति
वहीं ताली बजाने से शांति का अनुभव होता है, जिससे स्ट्रेस लेवल काफी हद तक कम होता है। जब भी हम किसी मंदिर में जाते हैं तो आरती के समय ताली जरूर बजाते हैं। इसके अलावा और भी बहुत से मौकों पर ताली बजाकर सेलिब्रेशन किया जाता है। धार्मिक अवसरों पर ताली बजाना एक परंपरा है। वैज्ञानिक भी हेल्दी रहने के लिए ताली बजाने की सलाह देते हैं, जोकि सेहत के लिए फायदेमंद है।

ताली बजाने से होते हैं ये फायदे

-हथेली में पूरे शरीर के दबाव यानि एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं, जिनको दबाने पर खून व ऑक्सीजन शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचती है। इससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

-ताली में बाएं हाथ की हथेली पर दाएं हाथ की चारों अंगुलियों को एक साथ तेज दबाव के साथ इस प्रकार मारा जाता है कि दबाव पूरा हो और आवाज अच्छी आए।

-इससे फेफड़े, लीवर, पित्ताशय, गुर्दे, छोटी आंत व बड़ी आंत तथा दाएं हाथ की अंगुली के साइनस के दबाव बिंदु दबते हैं।

-ताली को तब तक बजाना चाहिए, जब तक हथेली लाल न हो जाए। इससे कब्ज, एसिडिटी, यूरिन इंफेक्शन, संक्रमण, खून की कमी व श्वांस लेने में तकलीफ जैसी प्रॉब्लम्स में राहत मिलती है।

-ताली बजाने से डिप्रेशन, अनिद्रा, स्लिप डिस्क, स्पोगोलाइसिस और आंखों की कमजोरी जैसी समस्याएं भी दूर होती है।

-रोजाना 2 मिनट ताली बजाने से आपको किसी योग की जरूरत नहीं होगी।

Related News