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WHO ने खोली पोल, रूस की वैक्सीन पर कई देशों को संदेह

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 17 Aug, 2020 02:52 PM
WHO ने खोली पोल, रूस की वैक्सीन पर कई देशों को संदेह

कोरोना वैक्सीन को लेकर जहां दुनियाभर के वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं वहीं रूस ने वैक्सीन तैयार कर लेने का दावा किया है। रूस द्वारा वैक्सीन लेने की खबर से जहां लोग राहत के सांस ले रहे हैं वहीं WHO ने रूस की वैक्सीन पर संदेह जाहिर किया है। WHO ने दावा किया है कि रूस की वैक्सीन एडवांस स्टेज की टेस्टिंग वाली लिस्ट में शामिल नहीं है।

WHO ने खोली रूस की वैक्सीन की पोल

दरअसल, WHO द्वारा कोरोना वैक्सीन ट्रॉयल के लिए 9 प्रायोगिक वैक्सीन की लिस्ट बनाई गई है, जिसमें रूस की वैक्सिंग को शामिल नहीं किया गया है। WHO और उनके पार्टनर्स द्वारा कोवैक्स के जरिए वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। कोवैक्स के जरिए किसी भी देश के सदस्य वैक्सीन के लिए निवेश कर सकते हैं। यही नहीं, इसके जरिए गरीब देशों को वैक्सीन मुफ्त देने के लिए फंडिंग भी की जा सकती है।

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WHO का कहना है, 'रूस की वैक्सीन सही जानकारी ना होने के कारण हम इस पर कोई निर्णय नहीं ले सकते। फिलहाल हम रूस के साथ बातचीत कर डाटा जुटाने में लगे हैं। वैक्सीन, ट्रायल और उसके अगले कदम को समझने के बाद ही वैक्सीन की समीक्षा की जाएगी।'

2 साल तक कोरोना से बचाएगी रूस की वैक्सीन

गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ दिनों पहले कोरोना वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय से रेगुलेटरी मंजूरी मिलने की बात कही थी। हालांकि अभी तक वैक्सीन का आखिरी ट्रायल बाकी है, जिसके बाद ही यह मार्केट में उपलब्ध करवाई जाएगी। रूस का दावा है कि इस वैक्सीन से लोग 2 साल तक कोरोना से बचे रहेंगे।

रूस की वैक्सीन पर कई देशों ने जताया संदेह

सिर्फ WHO ही नहीं, बल्कि जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने रूस की वैक्सीन पर आशंका जताई है। उनका कहना है कि इसे लेकर सभी टेस्ट नहीं किए गए हैं, जिससे लोगों को खतरा हो सकता है। वहीं गलत वैक्सीन लोगों की जान भी ले सकती हैं। यूरोप के प्रसिद्ध शोधकर्ता इसाबेल इमबर्ट के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन बनाने में किसी भी तरह की जल्दबाजी खतरनाक हो सकती है।

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अमेरिका-मॉस्को को भी नहीं भरोसा

अमेरिका के हैल्थ एक्सपर्ट एंथन फाउची को भी रूस की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। मॉस्को की Acto ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय से रूस की वैक्सीन को मंजूरी ना देने की अपील की है। उनका कहना है कि जब तक इसका तीसरा ट्रायल सफल नहीं हो जाता इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

फिलीपींस ने दिया रूस का साथ

दूसरी तरफ, फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने रूस के पक्ष में रहें और खुद पर टेस्ट करवाने की बात कही। कोरोना वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों को रूस ने बेबुनियाद कहा और सभी दावों को खारिज करते हुए इसे बिल्कुल सुरक्षित बताया। रूस के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन जल्दी ही लोगों को उपलब्ध करवाई जाएगी। रूस के अधिकारी अक्टूबर तक बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान चलाने की तैयार कर रहे हैं।

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खैर, कोरोना वायरस के मामले जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना वैक्सीन की जरूरत भी उतनी ही बढ़ती जा रही है। ऐसे में हम तो यही चाहेंगे कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन बनकर तैयार हो, ताकि इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।

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