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बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन? शास्त्रों के बताए ये उपाय अपनाएं और देखें चमत्कार

  • Edited By Monika,
  • Updated: 27 Nov, 2025 06:34 PM
बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन? शास्त्रों के बताए ये उपाय अपनाएं और देखें चमत्कार

नारी डेस्क : आज के समय में अधिकांश माता-पिता इस चिंता से परेशान रहते हैं कि बच्चे पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रहे। मोबाइल, टीवी और इंटरनेट की बढ़ती लत ने बच्चों का फोकस कम कर दिया है। लेकिन भारतीय शास्त्रों में विद्या और एकाग्रता को बढ़ाने के कई सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं, जिनका असर आज भी उतना ही शक्तिशाली माना जाता है। आइए जानते हैं क्यों नहीं लगता बच्चों का मन पढ़ाई में और शास्त्रों में बताए कौन-से उपाय कर सकते हैं मदद।

बच्चों का पढ़ाई में मन न लगने के प्रमुख कारण

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विषय में रुचि की कमी

जब बच्चे को कोई विषय पसंद नहीं आता या वह उसे समझ नहीं पाता, तो स्वभाविक रूप से वह उस विषय से दूरी बनाने लगता है। धीरे-धीरे उसका मन पढ़ाई से हटने लगता है और डर या ऊब की वजह से वह उस विषय को खोलने से भी बचने लगता है।

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डिजिटल डिस्ट्रैक्शन

मोबाइल गेम, टीवी और सोशल मीडिया बच्चों का ध्यान सबसे तेज़ी से भटकाते हैं। इन डिजिटल साधनों की लगातार आदत पढ़ाई पर फोकस कम कर देती है, जिससे बच्चा किताबों की बजाय स्क्रीन में ज़्यादा दिलचस्पी लेने लगता है।

नींद की कमी और थकान

जब बच्चा देर रात तक फोन देखता है या लगातार 18–20 घंटे तक जागा रहता है, तो शरीर और दिमाग दोनों थकावट महसूस करते हैं। इस थकान के कारण चिड़चिड़ापन बढ़ता है और मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता। पर्याप्त नींद की कमी सीधे एकाग्रता और सीखने की क्षमता पर असर डालती है।

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आत्मविश्वास की कमी

जब बच्चे को लगातार कम अंक मिलते हैं या बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता है, तो उसके अंदर पढ़ाई को लेकर डर पैदा होने लगता है। धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है और वह पढ़ाई से दूरी बनाने लगता है। यह मानसिक दबाव उसकी एकाग्रता और सीखने की क्षमता को भी प्रभावित करता है।

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शास्त्रों में बताए गए असरदार उपाय

गणेश जी की पूजा: गणेश जी को बुद्धि और विध्नहर्ता माना गया है। पढ़ाई शुरू करने से पहले यह मंत्र 11 बार जपने से एकाग्रता बढ़ती है। “ॐ गं गणपतये नमः”

मां सरस्वती की वंदना: ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती का आशीर्वाद बच्चों का मन पढ़ाई में लगाता है। सुबह यह मंत्र जपना लाभकारी माना गया है। “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः”

ब्रह्ममुहूर्त में पढ़ाई: शास्त्रों के अनुसार सुबह 4–6 बजे का समय पढ़ने के लिए सर्वोत्तम है। इस समय वातावरण शांत होता है और दिमाग तेज़ी से जानकारी ग्रहण करता है।

तुलसी का सेवन: तुलसी मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाती है। बच्चों को रोज़ 2–3 तुलसी पत्ते देना लाभदायक माना जाता है।

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सही दिशा में बैठकर पढ़ना: वास्तु शास्त्र के अनुसार पढ़ाई करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

मोबाइल और टीवी से दूरी: शास्त्रों में भी मन को विचलित करने वाली वस्तुओं से बचने की सलाह दी गई है। पढ़ाई के समय फोन व टीवी पूरी तरह दूर रखें।

अतिरिक्त आधुनिक सुझाव

बच्चों को डांटने के बजाय प्रोत्साहित करें।
पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए चार्ट, रंगों और कहानियों का उपयोग करें।
पर्याप्त नींद, पौष्टिक भोजन और पानी देने पर ध्यान दें।
बच्चे की रुचि देखकर अध्ययन की शैली तय करें।

बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना बिल्कुल सामान्य है। लेकिन सही माहौल, माता-पिता का प्यार और शास्त्रों में बताए गए सरल उपाय मिलकर बच्चे को पढ़ाई में एकाग्र, आत्मविश्वासी और प्रेरित बना सकते हैं। शिक्षा सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि मन और आत्मा की एकाग्रता से भी जुड़ी होती है।
 

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