शरीर के अंदर कोई खराबी होने पर ये हमें नाखूनों के द्वारा संकेत देते है। इस स्थिति में नाखूनों का रंग बदलने लगता है। साथ ही ये कमजोर हो टूटने लगते है।इन सकंतों को अक्सर लोग अनदेखा कर देते है। मगर इससे कई बीमारियों के होने के चांचिस बढ़ते है। ऐसा पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। तो चलिए जानते है नाखूनों के रंग बदलने से किस बीमारी के होने का खतरा हो सकता है।
पीले निशान
नेल पॉलिश का ज्यादा इस्तेमाल करने से बहुत सी लड़कियों के नाखून पीले पड़ जाते हैं। मगर इस बात को गंभीरता से लिया जाएं तो यह फंगल इंफेक्शन या सोरायसिस की वजह से हो सकते हैं। अगर कहीं नेल पॉलिश लगाए बिना नाखूनों का रंग पीला हो रहा है तो इसके पीछे का कारण खून की कमी या पीलिया हो सकता है।
नीला या सिलेटी रंग के निशान
शरीर में सही मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंचने पर नाखूनों का रंग बदल कर नीला या सिलेटी हो जाता है।
कमजोर नाखून
नाखूनों का रूखा, बेजान, कमजोर और जल्दी टूटना आदि थॉयराइड या फंगल इंफेक्शन के कारण होते हैं। यह एक ऐसा फंगस है जो स्किन व मुंह पर रैशेज के तौर पर दिखाई देते हैं।
मोटे नाखून
आमतौर पर फंगल इंफेक्शन के कारण नाखून मोटे होते हैं। मगर इस समस्या को गंभीरता से ले तो यह आर्थ्राराइटिस, डायबिटीज, फेफड़ों में इंफेक्शन, एग्जिमा, सोरायसिस आदि होने के लक्षण हो सकते हैं।
सफेद निशान
नाखूनों पर सफेद रंग के दाग- धब्बें जेनेटिक के कारण या कैल्शियम की कमी के कारण होते हैं। इसके अलावा ये निशान साइरोसिस या एग्जिमा के लक्षण भी हो सकते हैं।
सफेद लाइन
नाखूनों के किनारे पर सफेद रंग की लकीरें पड़ने का मतलब खून में प्रोटीन व आयरन की कमी हो सकती है। इसके अलावा ऐसा पोषक तत्वों की कमी, स्ट्रेस या लिवर से जुड़ी बीमारी के कारण हो सकता है।
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