राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'बधाई दो' 11 फरवरी यानि आज से सिनेमाघरों में लग चुकी हैं। इस अजीबो-गरीब कॉमेडी फिल्म 'बधाई दो' का ट्रेलर सामने आते ही लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं। फिल्म की कहानी उन दोनों किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक दूसरे से लैवेंडर मैरिज करते हैं। लव और अरेंज मैरिज के बारे में तो आपने बहुत बार सुना होगा। आजकल गे और लेस्बियन कपल्स के बीच भी शादी होने लगी है लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि भला Lavender Marriage क्या है? चलिए आज हम आपको बताते हैं कि लैवेंडर मैरिज क्या है और कैसे शुरु हुआ इसका प्रचलन
क्या होती है लैवेंडर मैरिज?
'बधाई दो' में राजकुमार राव एक समलैंगिक पुलिसकर्मी और भूमि पेडनेकर एक समलैंगिक शिक्षक की भूमिका निभा रही हैं। दरअल, लैवेंडर मैरिज एक कॉन्सेप्ट बेस्ड मैरिज है, जो समलैंगिंक आदमी और औरत के बीच होती है। इसमें शादी तो महिला और पुरुष करते है। मगर वह दोनों अलग-अलग लेकिन सेम सेक्शुअल ओरिएंटेशन के होते हैं यानी गे और लेस्बियन के बीच होने वाली शादी को लैवेंडर मैरिज कहते हैं।
समाज और पारिवारिक दबाव भी शादी का कारण
समलैंगिक होने के बाद दोनों एक दूसरे से सिर्फ इसलिए शादी करते हैं, ताकि लोगों से उनकी सच्चाई छिपी रहे। कई बार लोग समाज में अपनी प्रतिष्ठा और पारिवारिक दबाव के कारण भी ऐसी शादी करते हैं, ताकि लोग उनकी सेक्सुआलिटी पर सवाल ना उठाएं।
हॉलीवुड से आया था चलन
हमारे समाज में गे और लेस्बियन मैरिज को स्टिग्मा की तरह देखा जाता है मगर, इसका इतिहास 100 साल पुराना है। ऐसी शादी का चलन हॉलीवुड से आया, जब प्रथम विश्व युद्ध से पहले 1920 दशक में हॉलीवुड स्टार्स के बीच लैवेंडर मैरिज काफी चर्चा में रही। इस समय बहुत से स्टार्स ने लैवेंडर मैरिज की थी क्योंकि वो अपनी सेक्सुआलिटी को समाज के सामने नहीं लाना चाहते थे। अस दौर में लोगों का नजरिया समलैंगिक शादियों को लेकर अच्छा नहीं था।