विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी है, यह कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। जो हड्डियों की मजबूती और तंत्रिता तंत्र की कार्य प्रणाली को सही रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा विटामिन डी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर होने के साथ-साथ और भी कई तरह के रोग होने का खतरा बढ़ जाता है जिसके लक्षण एकदम ऊभर कर सामने नहीं आते। कई बार तो लोगों को इसकी कमी का पता भी नहीं चल पाता।
शहरी बच्चे हैं विटामिन डी की कमी का ज्यादा शिकार
बच्चों की सेहत को लेकर हाल ही में किए गए शोध में यह बात सामने आई है कि शहरी बच्चों में विटामिन डी का स्तर ग्रामीण बच्चों की अपेक्षा काफी कम है। जिस कारण हड्डियां कमजोर हो रही हैं, चिकित्सकों का मानना है कि इससे बच्चों में जोड़ों का दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, थकान, हल्की चोट लगने पर भी हड्डी टूट जानाआदि जैसे रोगों के मामले बढ़ गए हैं जो चिंता का कारण हैं। इसके शोध में एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है कि ग्रामीण बच्चों के मुकाबले शहरी बच्चे इस कमी का ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
क्यों घट रहा है बच्चों में विटामिन डी का स्तर?
ग्रामीण बच्चे शहरी बच्चों के मुकाबले शारीरिक तौर पर ज्यादा मजबूत होते हैं। जबकि शहरी बच्चे में विटामिन डी का स्तर कम होने का मुख्य कारण बच्चे का धूप में कम निकलना है।
आउटडोर गेम्स न खेलना
वे घर से बाहर यानि धूप में खेलना पसंद नहीं करते जबकि विटामिन डी का सबसे मुख्य स्त्रोत धूप की किरणें हैं। जब लगातार वे सूरज की किरणों से दूर रहते हैं तो शरीर में विटामिन डी का स्तर घटने लगता है। जिससे हड्डियां कैल्शियम ऑब्जर्व नहीं कर पाती।
जंक फूड का सेवन
डाइट इसका दूसरा सबसे बड़ा कारण है। शहरी बच्चे वेस्टर्न लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं जिसका असर उनके खान-पान पर भी पड़ रहा है। वे जंक फूड, पिज्जा, बर्गर, पैकेज्ड फूड खाते हैं जो पोषक तत्वों की कमी को धीरे-धीरे कम करना शुरू कर देते हैं। इससे शरीर में विटामिन डी जैसे कई जरूरी पोषक तत्व का अभाव रह जाता है।
जरूरत से ज्यादा व्यस्त रहना
अपने बच्चों को कंपीटिशन में आगे बढ़ने की होड़ में पेरेंट्स उनकी सेहत की अनदेखी कर रहे हैं। बच्चे सुबह से लेकर 7-8 घंटे स्कूल में बिताने के बाद ट्यूशन, कोचिंग क्लासेस, डांस या हॉबी क्लासेस ज्वाइंन करते हैं। सारा दिन वे धूप की किरणों से दूर रहते हैं जो उनमें विटामिन डी की कमी पैदा कर रहा है।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग
हड्डियों की मजबूती कम होना
मांसपेशियों में ऐंठन
अर्थराइटिस
बार-बार इंफैक्शन होना
सांस लेने में परेशानी
थकावट
त्वचा का रंग पीला पड़ना
पैरों का आकार धनुष जैसा होना
एनिमिया, आदि
किस तरह करें विटामिन डी की कमी पूरी
इसकी कमी को पूरा करने के लिए बच्चे की डाइट और लाइफस्टाइल पर जरूर ध्यान दें।
सूरज की किरणें बहुत जरूरी
बच्चे को सुबह के समय धूप में जरूर घर से बाहर निकालें। सूर्य की रोशनी में केवल 10 मिनट खड़े रहने पर ही पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल जाता है। सूरज की किरणें इस कमी को पूरा करने का मुख्य स्त्रोत है जो खाने वाले पदार्थों में आसानी से नहीं मिल पाता।
विटामिन डी युक्त आहार
कुछ खाद्य पदार्थों के जरिए इसकी कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है। जंक फूड को अहमियत न देकर बच्चे की डाइट में अंडा, मशरूम, चीज, मछली, कॉड लिवर और फोर्टीफाइड दूध शामिल करें।