बॉलीवुड अदाकारा विद्या बालन इन दिनों अपनी मूवी 'शेरनी' की वजह से खूब सुर्खियों में है। वहीं, अपने पहनावे और अभिनय की वजह से विद्या बालन ने खूब फैंस बनाए हैं। बतां दें कि विद्या बालन बॉलीवुड में उन किरदारों को करना पसंद करती हैं जो लोगों में किसी चीज को लेकर सकारात्मक बदलाव लाएं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना विद्या के लिए आसान नहीं था।
करियर के शुरुआती दिनों में विद्या का बाॅलीवुड सफर बेहद कठिन था। उन्हें जीवन में कई बार निराशा का सामना करना पड़ा इतना ही नहीं एक बार तो किसी फिल्म निर्देशक ने उन्हें 'अपशगुन' तक कह दिया था।
फिल्म परीणीता ने बदली विद्या बालन की किस्मत-
लेकिन विद्या ने कभी हार नहीं मानी और मेहनत करती गई, नतीजन यह कि उनको कई टीवी कमर्शियल ऐड और सीरियल में काम करने का मौका मिला। उनके जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने फिल्म परीणीता की थी। उनकी किस्मत फिल्म परिणीता से चमकी जिसे काफी पसंद किया गया था। आज वह बॉलीवुड में उन किरदारों को ज्यादा अपनाती हैं जो लोगों की मानसिकता को प्रभावित करते हैं।
लिंगभेद का शिकार बन चुकी हैं विद्या बालन-
वहीं अब विद्या बालन हाल ही में 'शेरनी' में नजर आई हैं, जिनके किरदार को क्रिटिक्स ने भी काफी सराहा है। विद्या ज्यादातर उन किरदारों को निभाती हैं जो उनके असल जिंदगी से ताल्लुक रखते हैं, शेरनी में जैसा उनका किरदार है ठीक वैसे ही विद्या अपने असल जिंदगी में रह चुकी हैं। इसके अलावा वह कई बार बॉलीवुड में सेक्सिज्म के ऊपर भी बात कर चुकी हैं। हाल ही में लिंगभेद के ऊपर बात करते हुए विद्या बालन ने बताया कि वह कई बार पुरुषों, महिलाओं और खुद से लिंदभेद का शिकार बन चुकी हैं।
महिला होने के नाते मैनें खुद को औरों से कम आंका है-
एक इंटरव्यू के दौरान विद्या बालन ने बताया कि लिंगभेद का अर्थ सिर्फ पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ किया गया गलत व्यवहार ही नहीं होता है बल्कि लिंगभेद उसे भी कहते हैं जो महिलाएं अपने लिए विचार रखती हैं। उन्होंने बताया कि पुरुषों और अन्य महिलाओं के साथ वह खुद से भी लिंगभेद का शिकार हुई हैं। कई बार महिला होने के नाते उन्होंने खुद को औरों से कम आंका है।
अब खुद को औरत होने के वजह से कभी कम नहीं आंकती-
विद्या ने बताया कि अब वह इस परिस्थिति से उभरना जान चुकी हैं और खुद को औरत होने के वजह से कभी कम नहीं आंकती हैं। वेब सीरीज शेरनी में भी उनका किरदार इसी समस्या पर आधारित है। विद्या ने बताया कि वह दर्शकों के लिए फिल्में बनाती हैं, जितने ज्यादा लोग उनकी फिल्मों को देखते हैं उतनी ज्यादा खुशी उन्हें मिलती है।