भगवान श्रीगणेश सभी के विघ्नों को हरने वाले होते हैं। किसी भी नए और शुभ कार्य को करने से पहले श्रीगणेश की पूजा करनी शुभफलदाई होती है। वास्तु शास्त्र में विघ्नहर्ता को मुख्य स्थान प्राप्त है। यह वास्तुदोष को दूर कर घर में सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली भरे माहौल की स्थापना करते हैं। तो चलिए जानते हैं भगवान गणेश जी से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स...
सफलता दिलाएं
वास्तु के अनुसार घर के मेन गेट पर विघ्नहर्ता की तस्वीर लगानी चाहिए। इससे कारोबार में तरक्की और सफलता मिलती है। इसके साथ ही घरवालों के दिन- प्रतिदिन उन्नति के रास्ते खुलते हैं।
पॉजिटिव एनर्जी
घर के मुख्य द्वार पर आम, पीपल और नीम के पत्तों से बनी श्रीगणेश जी प्रतिमा या मूर्ति लगानी चाहिए। घर के प्रवेश द्वार से ही सही तरह की ऊर्जा घर में दाखिल होती हैं। ऐसे में इसे मुख्य दरवाजे पर लगाने से घर में साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ वास्तुदोष दूर होता है।
धन प्राप्ति
जिस घर में पैसे नहीं टिकते। घर-परिवार को पैसों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें अपने घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा लगानी चाहिए। तस्वीर में श्रीगणेश जी के आसपास सिंदुर लगा हो। इसके साथ ही उनकी दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि के नाम लिखें हो। अगर ऐसी तस्वीर न मिले तो आप खुद सिंदुर से इनकी पत्नियों के नाम लिख सकते हैं।
सुख-समृद्धि
घर के पूजा घर में हमेशा श्रीगणेश जी की बैठी या आराम करती मुद्रा में मूर्ति या तस्वीर लगाएं। इससे घर-परिवार पर भगवान की कृपा बनी रहती है। वास्तु के अनुसार घर में गणेश जी की 1 से ज्यादा मूर्ति या तस्वीर नहीं होनी चाहिए।
स्फूर्ति और एनर्जी
वास्तु के अनुसार दुकान या ऑफिस में विघ्नहर्ता की खड़ी मुद्रा में मूर्ति या चित्र लगानी शुभ होती है। इसके साथ ही श्रीगणेश जी के पैर पूरी तरह से जमीन को टच होने चाहिए। इससे तरक्की के रास्ते खुलते हैं। कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर होती है। व्यक्ति के अंदर काम करना जोश और उत्साह बढ़ता है।