वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार सिर्फ प्रवेश द्वार ही नहीं बल्कि घर के अंदर आने वाली ऊर्जाओं का संकेत माना जाता है। इस शास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार की दिशा यह बताती है कि घर में कैसी एनर्जी का आगमन होगा। खासतौर पर जब घर का निर्माण हो तो मुख्य द्वार की दिशा और इससे जुड़े कुछ नियमों का ध्यान रखना जरुरी होता है। यदि इन नियमों का ध्यान न रखा जाए तो तरक्की में अड़चन आने लगती है। चलिए आपको बताते हैं मुख्य द्वार से जुड़े कुछ नियमों के बारे में...
मुख्य द्वार पर न हो अंधेरा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार के रास्ते में अंधेरा नहीं होना चाहिए। यहां पर अंधेरा होने से घर में नेगेटिव एनर्जी आकर्षित होती है जिसके कारण घर के लोगों में तनाव रह सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि घर के प्रवेश द्वार में सीधा सूर्य का प्रकाश आए। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।
हमेशा साफ हो मुख्य द्वार
मुख्य द्वार हमेशा साफ होना चाहिए । यहां पर कूड़ा-कचरा होने से घर में नेगेटिविटी बढ़ती है।
सामने न हो सीढ़ियां
मुख्यद्वार के सामने कभी भी लिफ्ट या फिर सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए। इससे भी घर में नेगेटिव एनर्जी आती है।
न लगाएं ऐसी नेमप्लेट
घर के मुख्यद्वार पर नेमप्लेट लगानी शुभ मानी जाती है लेकिन कभी भी काले रंग की नेमप्लेट घर में न लगाएं। इस रंग की नेल प्लेट घर में लगानी अच्छी नहीं मानी जाती है।
मनी प्लांट
घर के मुख्य द्वार के पास मनी प्लांट भी नहीं लगाना चाहिए। यहां पर इसे लगाने से नेगेटिव एनर्जी आकर्षित होती है।
झाड़ू
यहां पर झाड़ू रखना भी सही नहीं माना जाता। मुख्यद्वार पर झाड़ू रखने से आते-जाते लोगों के पैर इसमें लगते हैं जिससे धन के आगमन में बाधा पड़ती है।