वास्तु शास्त्र में जिस तरह भोजन पकाने के बारे में बताया है ठीक उसी प्रकार भोजन को सही ढंग से ग्रहण करने के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। भोजन केवल पेट भरने के लिए ही ग्रहण नहीं किया जाता बल्कि इसका सीधा असर सेहत के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास पर भी पड़ता है। वास्तु के हिसाब से खाना हमारे लिए तब तक अच्छा है जब तक हम उसे सही ढंग से या फिर कहे तों सही दिशा में बैठकर करें। वास्तु शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व होता है।
वास्तु नियमों के अनुसार यदि घर की सही दिशा में बैठकर भोजन किया जाए, तो इससे परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी बनी रहती है, वहीं गलत दिशा में बैठकर भोजन करने से सेहत संबंधी अनेकों समस्याएं पैदा हो सकती हैं। परिवार के सभी सदस्यों की सेहत ठीक रहे, घर का वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, इसके लिए ज़रूरी है कि आपका डाइनिंग हॉल वास्तु नियमों के अनुरूप बना हो। वास्तु में घर के मंदिर, रसोई, बेडरूम, लिविंग रूम और बाथरूम को लेकर दिशा निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही वास्तु में घर पर रखी छोटी से बड़ी वस्तुओं के दिशा व स्थान के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
अगर किचन में रखना चाहते हैं डाइनिंग टेबल
वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करने का सबसे उत्तम स्थान घर के पश्चिम दिशा में है। अगर डाइनिंग टेबल घर की पश्चिम दिशा में रखा है तो वो शुभ प्रभाव देने वाला होता है। इस दिशा में भोजन करने से भोजन संबंधित सभी तरह की आवश्यकताएं पूरी होती हैं और पोषण की प्राप्ति होती है जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है। अगर यहां पर किसी कारण भोजन करना संभव नहीं हो तो, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा दूसरा ऑप्शन हो सकता है। मगर घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में डाइनिंग रूम नहीं होना चाहिए क्योंकि यहां भोजन करने से शरीर को किसी भी प्रकार की मज़बूती और पोषण नहीं मिलता। तो वहीं रिश्तों में कड़वाहट पैदा होने की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है।
किस दिशा की ओर मुंह करके खाएं खाना
जिस जगह आप भोजन करते हैं वहां पर मुख्य द्वार या फिर शौचाल्य का होना आपसी कलेश और मन मुटाव का कारण बन सकता है। शुभ फलों में प्राप्ति के लिए आयताकार आकार के डाइनिंग टेबल का उपयोग करना बेहद माना जाता है और इसे इस तरह रखा जाना चाहिए कि भोजन करने वालों का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर रहे। पूर्व की ओर मुंह करके खाना खाने से दीर्घायु यानी संबी उम्र होने की संभावना बढ़ जाती है, जबकि पश्चिम की ओर चेहरा कर खाना खाने से सेहत और संपन्नता दोनों बढ़ती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें दक्षिण की ओर मुख करना हानिकारक नहीं है, परंतु उत्तर की ओर मुख करके भोजन करना सेहत की दृष्टि से वास्तु शास्त्र में उचित नहीं माना गया है।
डाइनिंग रूम कैसा होना चाहिए
न ज्यादा तेज रोशनी और न ही बहुत कम रोशनी के साथ खआने का सेवन करना चाहिए, इसलिए डाइनिंग रूम की सजावट इस प्रकार से होनी चाहिए जो शांतिपूर्ण रूप से भोजन करने में सहायक हो। टीवी देखते हुए या फिर कुछ पढ़ते हुए खाने से भोजन पर से ध्यान हट जाता है, जिससे न तो भोजन के स्वाद का पता चलता है और न ही भोजन का अपेक्षित प्रभाव ग्रहण किया जा सकता है। इसलिए भोजन करते वक्त हमेशा भोजन की ओर एकाग्र होकर व रूचि लेकर ही खाना हितकर है। डाइनिंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा के स्तर में वृद्धि के लिए दीवारों का रंग हल्का, साफ-शांत व सौम्य होना चाहिए, इसके लिए हल्के नीले, हरे, पीले अथवा पीच रंगों का प्रयोग किया जा सकता है।
धन-धान्य से जुड़ा है आपके घर का डाइनिंग टेबल
डाइनिंग टेबल को महज खाना खाने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है, बल्कि इससे घर की सुख-समृद्धि भी जुड़ी होती है, इसलिए उचित दिशा के साथ-साथ इस बात पर भी ध्यान दें कि डाइनिंग टेबल कभी गंदा न हो। खाना खाने के बाद तुंरत जूठे बर्तनों को हटा दें, अगर ऐसा नहीं होगा तो घर में धन-धान्य की कमी हो सकती है। डाइनिंग टेबल पर जूठे बर्तन पड़े रहने से इसका असर घर की धन-संपन्नता पर पड़ता है। यदि आप डाइनिंग टेबल को साफ-सुथरा रखते हैं तो इससे मां अन्नापूर्णा प्रसन्न होती है। वास्तु के अनुसार, डाइनिंग टेबल पर हमेशा पानी का जग या बोतल भरकर रखें और उसे कभी भी खत्म न होने दें, इससे मां अन्नापूर्णा की कृपा से घर पर कभी भी अन्न की कमी नहीं होती।