नारी डेस्क: हमारे घरों में अक्सर दादी-नानी हमें रात के समय नाखून काटने से रोकती थीं। ऐसा क्यों? क्या ये सिर्फ परंपरा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक और धार्मिक कारण भी छिपा है? आइए जानते हैं इस मान्यता के बारे में विस्तार से।
शाम के समय नाखून काटने की परंपरा का कारण
पुराने समय में बिजली और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था नहीं थी। नाखून काटने के लिए आज की तरह नेल कटर नहीं थे, लोग तेजधार चाकू या ब्लेड का इस्तेमाल करते थे। रात के समय रोशनी कम होने के कारण नाखून काटते समय उंगलियों के कटने का खतरा ज्यादा रहता था। ऐसे में दादी-नानी इस बात पर जोर देती थीं कि सूर्यास्त के बाद नाखून न काटें ताकि किसी दुर्घटना से बचा जा सके।
धार्मिक मान्यता
शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद नाखून काटना अशुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि शाम का समय देवी लक्ष्मी के आगमन का समय होता है। इस समय नाखून काटना, बाल काटना या घर की साफ-सफाई करना मां लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। यह भी मान्यता है कि इससे घर में दरिद्रता आती है और नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
कौन-कौन से दिन नाखून काटने से बचना चाहिए?
मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार
इन दिनों नाखून काटना अशुभ माना गया है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ये दिन विशेष धार्मिक महत्व रखते हैं। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा होती है, और इस दिन नाखून काटना उनकी कृपा को कम कर सकता है। गुरुवार को गुरु ग्रह का दिन माना जाता है, जो ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन नाखून काटने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है। शनिवार को शनि देव की पूजा होती है, और इस दिन नाखून काटना दुर्भाग्य का कारण बन सकता है। रविवार को सूर्य देव का दिन होता है, और इस दिन नाखून काटने से स्वास्थ्य और समृद्धि पर बुरा असर पड़ने की मान्यता है।
अच्छे दिन कौन से हैं?
बुधवार और शुक्रवार को नाखून काटना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, बुधवार को भगवान गणेश की पूजा की जाती है, और यह दिन नए कार्य शुरू करने और साफ-सफाई के लिए शुभ माना जाता है। इसी तरह शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा का दिन होता है, और इस दिन साफ-सफाई और नाखून काटने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इन दिनों नाखून काटने से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास बना रहता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक रूप से भी रात में नाखून काटना खतरनाक हो सकता है। अगर रोशनी कम है, तो आपकी उंगली कटने का खतरा रहता है। इसके अलावा, पुराने समय में नाखून और बाल काटने की प्रक्रिया से गंदगी फैलती थी। रात में साफ-सफाई का अभाव होने के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता था।
क्या करना चाहिए?
1. सूर्यास्त से पहले नाखून काटें।
2. साफ-सफाई के लिए दिन के समय को प्राथमिकता दें।
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाखून काटने के लिए शुभ दिन चुनें।
दादी-नानी की ये बातें केवल परंपरागत नहीं हैं, बल्कि इनमें सुरक्षा, स्वास्थ्य और परिवार की भलाई छिपी होती है। अगर आप इन बातों को अपनाएंगे, तो अनहोनी घटनाओं और नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं। तो अगली बार नाखून काटने से पहले समय और दिन का ध्यान जरूर रखें।