इस समय शिव जी का पावन सावन का महीना चल रहा है। कहते हैं की इस दौरान शिव जी की भक्ति करने पर वो भक्त की सारी परेशनियां हर लेते हैं । इस बार ये पावन मास खास संयोग के चलते पूरे 58 दिन का होगा, यानी 30 अगस्त तक ये मास चलेगा। इस पावन महीने में शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के उपाय भी करते हैं। इस माह में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन रुद्राभिषेक दोगुना फल देता है।
बाकी हैं 6 सावन सोमवार
सावन महीने का पहला सोमवार 10 जुलाई को बीत चुका है। वहीं दूसरा सोमवार 17 जुलाई को था। इसके बाद तीसरा सोमवार 24 जुलाई को आएगा। सावन के हर सोमवार में शिवजी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव के ध्यान से विशेष लाभ प्राप्त होता है। सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है और चंद्रमा मन का कारक माना जाता है। चंद्रमा भगवान शिवजी के मस्तक पर विराजमान है।
ऐसे करें शिवजी का रुद्राभिषेक
रुद्राभिषेक शुरू करने से पहले भगवान शिव के पुत्र श्री गणेश जी का ध्यान कर उनकी पूजा करें। इसके बाद पूजा के स्थान पर शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित कर गंगा जल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद दूध, दही, शहद, घी, शर्करा आदि से अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान अपने मन में शिव मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद अंत में एक बार फिर गंगाजल से शिवलिंग को अच्छी तरह स्नान कराएं। इसके बाद औढरदानी शिव का चंदन, भस्म, तिलक, पुष्प, बेलपत्र, वस्त्र, रुद्राक्ष आदि से श्रृंगार करें। शिव जी को भोग लगाएं और शुद्ध देशी घी के दीये से आरती करें। भोलेनाथ की आरती करने के बाद उसे गंगाजल से वार लें। बचा हुआ जल सभी लोगों पर प्रसाद स्वरूप छिड़कें। इसके बाद सबसे पहले आप आरती ग्रहण करें और उसके बाद सभी को आरती करने के लिए आगे बढ़ाएं।