05 MAYSUNDAY2024 8:08:00 AM
Nari

एक्सीडेंट में दोनों पैर गंवाने के बाद गन तक उठा नहीं पाईं थी अविन, आज गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 30 Aug, 2021 01:13 PM
एक्सीडेंट में दोनों पैर गंवाने के बाद गन तक उठा नहीं पाईं थी अविन, आज गोल्ड मेडल जीत रचा इतिहास

24 अगस्त से शुरू हुए टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत की बेटियों का जलवा बरकरार है। भारतीय खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने जहां टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीत भारत को पहला मेडल दिलाया। वहीं अब भारत की अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर स्पर्धा एसएच-1 में यह गोल्ड मेडल जीता। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का यह पहला गोल्ड मेडल है।  बता दें कि भारत को गोल्ड दिलाने वाली अवनि की यह जीत इतनी आसान नहीं थी  इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी में  काफी संघर्ष किया है। आइए जानते हैं अवनि के संघर्ष की कहानी के बारे में-

PunjabKesari

राजस्थान की अवनि लेखरा जयपुर की रहने वाली है। अवनि ने 9 साल पहले कार एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे जिस वजह से वह व्हीलचेयर पर हैं। उनके मेडल जीतते ही उनके पिता प्रवीण लेखरा ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि उनकी बेटी ने गोल्ड जीत लिया है। मेडल की उम्मीद थी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि बेटी गोल्ड जीत लेगी। 

एक्सीडेंट के महज पांच साल के भीतर ही अवनी ने गोल्डन गर्ल का तमगा हासिल किया
कार एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर गंवाने के बावजूद  अवनि ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ने की ठान ली। दुर्घटना के महज तीन साल बाद ही अवनी ने शूटिंग को अपनी जिंदगी बनाया और महज पांच साल के भीतर ही अवनी ने गोल्डन गर्ल का तमगा हासिल कर लिया।

PunjabKesari

पहली बार तो बेटी से गन भी नहीं उठी थी लेकिन आज गोल्ड जीत देश को गौरवंतित किया
अवनि के पिता प्रवीण लेखरा ने बताया कि एक्सीडेंट के बाद बेटी पूरी तरह टूट चुकी थी। चुप रहने लग गई थी। किसी से बात नहीं करती थी, पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी। इतनी कमजोर हो गई थी कि कुछ कर नहीं पाती थी। किस खेल में इसे इन्वॉल्व करूं यही सोचता रहता था, एथलेटिक्स में नहीं भेज सकते थे, क्योंकि जान नहीं बची थी। इसके बाद शूटिंग में कोशिश की और पहली बार तो इससे गन तक नहीं उठी थी, मगर आज बेटी के गोल्ड मेडल के बाद टोक्यो पैरालिंपिक के पोडियम पर राष्ट्रगान गूंजा जो बेहद सम्मान की बात है।

PunjabKesari

कोरोना काल में भी आई ये मुश्किलें
कोरोना के चलते अवनि को पिछले दो सालों से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके पिता ने घर में टारगेट सेट कर अवनी की प्रैक्टिस करवाई। पैरालंपिक की तैयारी कर रही अवनि घर पर ही टारगेट पर प्रैक्टिस की इतना ही नहीं उनका गोल्ड पर निशाना साधना ही लक्ष्य था। इसके लिए वो नियमित रूप से जिम और योगा पर ध्यान देती थीं। उन्होंने फिट रखने के लिए खान-पान पर भी ध्यान दिया। 

PunjabKesari

पैरालिंपिक में महिलाओं का है यह तीसरा मेडल 
पैरालिंपिक इतिहास में भारत के लिए महिलाओं ने तीसरा मेडल जीता है, इससे पहले शॉटपुट में दीपा मलिक और इसी पैरालिंपिक में भाविना पटेल ने टेबल टेनिस में मेडल जीता है। वहीं ओलिंपिक में महिलाओं ने भारत को अब तक 8 मेडल दिलाए हैं। जिनमें से पीवी सिंधु के 2, जबकि कर्णम मल्लेश्वरी, साइना नेहवाल, मैरिकॉम, साक्षी मलिक, मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहेन भारत को मेडल दिला चुकी हैं। 

Related News