कुछ बच्चे सेल्फ मोटिवेटेड होते हैं। उन्हें अपना काम बताने की जरूरत नहीं होती है। वे दिनभर एक्टिव रहते हैं। वे अपने कपड़े और स्कूल से आने के बाद जूते सही जगह पर रखते हैं। साथ ही उन्हें अपने होमवर्क और घर के काम करने के लिए भी कहने की जरूरत नहीं होती है लेकिन कुछ बच्चे काफी आलसी और कम प्रेरित होते हैं। उन्हें हर काम के लिए बहुत बोलना पड़ता है। कई बार तो पेरेंट्स के डांटने के बाद भी बच्चा अपना काम समय पर नहीं करता है। ऐसे जिद्दी बच्चों को अगर आप मार-पीट के लाइन में लाने की कोशिश करेंगे तो बच्चा और बिगड़ सकता है और शायद आपकी बात न सुनें, इसलिए आपको धैर्य रखकर जरुरत है इन टिप्स के साथ बच्चों को समझाने की, ताकि वो अपने काम की जिम्मदेरी खुद से लें....
लक्ष्य निर्धारित करें
रोजाना अपने बच्चे के लिए उनके काम से जुड़ा कोई न कोई लक्ष्य जरूर निर्धारित करें। इससे बच्चे के मन में काम को लेकर उत्साह बन रहता है। बहुत ज्यादा काम बताने की जगह बच्चों को छोटे-मोटे काम दें। जैसे पौधों में पानी देना, अपने जूते जगह पर रखना और अपने स्कूल के कपड़े उचित जगह पर रखना आदि। इन लक्ष्यों को पूरा करने के बाद बच्चों को इनाम के रूप में कुछ स्पेशल चीजें खाने को दे सकते हैं। इससे उनका मन लगा रहता है और अगली बार वह पूरी खुशी के साथ काम करते हैं। अपना स्वयं का काम करने के लिए आप बच्चों की मदद कर सकते हैं ताकि वह अपना सारा काम स्कूल से आने के बाद कर सकें।
योजना बनाएं
बच्चे के साथ मिलकर आने वाले दिन के लिए आप शाम में ही योजना बनाएं। इससे बच्चे में काम पूरा करने और काम को समय पर करने की भी आदत बनी रहती है। इसके अलावा सुबह उठने पर वह आलस भी कम करते हैं। इस योजना में आप बच्चे के काम, खेलने का समय, पढ़ने और खाने-पीने का समय सभी शामिल करें। यह बच्चे के भविष्य के लिए भी काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
बच्चे के काम में रूचि लें
कई बार बच्चे का किसी काम में इसलिए भी मन नहीं लगता है क्योंकि पेरेंट्स उनके काम में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। वे बच्चे को काम करवाना बोझ समझते हैं या उन्हें होमवर्क करवाना एक जरूरत। इन कारणों से बच्चे का भी काम में मन नहीं लगता है। वह भी काम को बस करने के लिए या बोझ समझकर छोड़ देता है इसलिए हमेशा बच्चे के काम में रूचि लें और उन्हें ये प्ररेणा दें कि हर काम को ईमानदारी और पूरी मेहनत से करना चाहिए। इसके लिए आप बच्चे को प्ररेक कहानी सुना सकते हैं या खुद भी उदाहरण बन सकते हैं।
अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित जरूर करें
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चे से इतनी ज्यादा उम्मीद करने लगते हैं कि वह अपने बच्चे की छोटी-बड़ी खुशी में भी और ज्यादा अच्छा की चाहत करते हैं। इससे बच्चे की अच्छा करने की चाहत प्रभावित होती है। बल्कि अगर आप उन्हें अपना काम समय पर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, तो वे और अच्छा करने के लिए उत्साहित होते हैं और स्कूल में भी अच्छा करते हैं। आप बच्चों के साथ घर पर भी योग या एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। जो उन्हें भविष्य में स्वस्थ रखने में मदद करती है। फिजिकल एक्टिविटी बच्चों को अपने काम समय पर करने में भी मदद कर सकती है।