कहा जाता है कि 'मां के आंचल में जन्नत' है। क्योंकि वो मां ही है जो बिना कहे बच्चे की खुशी, भूख-प्यास और दुख जान लेती है। 'मदर्स डे' के मौके पर हम आपको ऐसी ही कुछ आम मांओं की दिल छू लेने वाली कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ना सिर्फ अपने बल्कि दूसरों के बच्चों के लिए भी अपनी जिंदगी हंसी खुशी कुर्बान कर दी।
चलिए मातृ दिवस पर जानते हैं ऐसी ही कुछ माओं की दिल छू लेने वाली कहानी...
सिंधुताई: 1400 अनाथ बच्चों को लिया गोद
सिंधुताई सपकाल 1-2 नहीं बल्कि 1400 अनाथ बच्चों को गोद लिया, जिसके कारण उन्हें 'अनाथों की मां सिंधुताई' भी कहा जाता है। उनका पति उन्हें गालिया देता व मरता-पिटता था। उन्हें 3 बेटे और 1 बेटी लेकिन उनके पति को बेटी नहीं चाहिए थी इसलिए जब वह गर्भवती थीं तो सिंधुताई को छोड़ दिया। मगर, इसके बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अनाथ बच्चों को गोद ले लिया। इन्हें पालने के लिए पहले तो सिंधुताई ने भीख मांगी लेकिन अब स्पीच देकर पैसे जमा करती हैं। वह उन्हें पढ़ाने का साथ लड़कियों की शादी भी कराती हैं। उनकी बेटी भी एक अनाथालय चलाती है। इस काम के लिए सिंधुताई को 273 अवार्ड से नवाजा भी जा चुका है।
RJ वीरा: सिंगल मदर बन कर रही हैं बेटी की परवरिश
लखनऊ की रहने वाली आरजे वीरा की आवाज जितनी मधुर है उतनी ही अच्छी वह सिंगल मदर भी है। उन्होंने शादी नहीं की लेकिन वह एक बेटी मां जरूर बन गई। दरअसल, उन्होंने 'चाइल्ड एडॉप्शन सेंटर' से एक लड़की को गोद लिया है। बच्ची नार्मल नहीं था इसलिए उसके माता-पिता ने उसे सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया। हालांकि वह बच्ची आज बिल्कुल स्वस्थ और नार्मल है, जोकि वीरा की मेहनत और ममता का नतीजा है। वीरा बताती हैं कि उन्होंने इसलिए शादी नहीं की क्योंकि वो दहेज के सख्त खिलाफ हैं।
गीता रानीः पशु-पक्षियों के लिए ममता
गीता रानी का पशु-पक्षियों से प्यार बहुत अनूठा है, बेहद निराला है। वो कई पशु-पक्षियों की देखभाल उनकी “मां” की तरह करती हैं। उनके पास एक, दो, तीन या फिर दर्जन-भर कुत्ते नहीं, बल्कि तीन सौ से ज्यादा कुत्ते हैं। 75 बिल्लियां हैं। चिड़िया, मोर, तोता-मैना, कव्वे उनके घर को अपना घर समझते हैं। पशु-पक्षियों के प्रति गीता की ममता, उनका प्यार-दुलार, त्याग और वात्सल्य कई लोगों के लिए कल्पना से परे है।