22 DECSUNDAY2024 10:53:36 PM
Nari

नन्हें कनव के लिए देश ने जुटाया 10.5 करोड़ का चंदा, मां बोली- मेरे 18 महीने के बच्चे ने झेला बहुत दर्द

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 13 Sep, 2023 12:16 PM
नन्हें कनव के लिए देश ने जुटाया 10.5 करोड़ का चंदा, मां बोली- मेरे 18 महीने के बच्चे ने झेला बहुत दर्द

गरिमा अपने 18 महीने के बेटे कनव को गोद में लिए हुए उसे प्यार से निहार रही हैं जो मीडियाकर्मियों से भरे कमरे में तेज रोशनी और कैमरे की चमक से बेपरवाह होकर खिलौने से खेलने में व्यस्त है। गरिमा को अपने बेटे को इस तरह बैठे हुए और दूसरे बच्चों की तरह सामान्य हरकत करते हुए देखने का बरसों से इंतजार था। कनव ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी' से पीड़ित है, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है। 

PunjabKesari

यह बीमारी वॉलंटरी मांसपेशियों (मोटर न्यूरॉन्स) को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करती है। इसके इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा ‘जोल्गेन्स्मा' की कीमत 17.5 करोड़ रुपये है। जब गरिमा और उनके पति अमित को इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने बेटे के लिए यह दवा हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और चंदे के जरिए इसके लिए धन जुटाने में कामयाब रहे। गरिमा ने कनव को अपनी बाहों में लिए हुए मीडिया को बताया कि- “दवा दिए जाने के बाद ही उसके हाथों में हरकत शुरू हुई। इससे पहले, बिल्कुल भी हरकत नहीं थी।” उन्होंने कहा- “हम उसके इलाज के लिए दर-दर भटकते रहे। हम पर जो गुजरी, वो हम ही जानते हैं।” कनव का इलाज आसान नहीं रहा लेकिन गरिमा अपने बेटे को बेहतर होता देखकर खुश हैं।

PunjabKesari
गरिमा ने कहा कि दवा के कारण उसके शरीर में पानी की कमी हो गई और करीब दो महीने से उसे बहुत उल्टियां होती थीं।  उसे बुखार भी था लेकिन अब चला गया है। गरिमा ने मुस्कुराते हुए कहा- “वह हमारा जीवन है।” कनव के पिता अमित ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों संजय सिंह और सजीव अरोड़ा के साथ-साथ मीडिया संस्थानों ने चंदे के लिए लोगों तक पहुंचने में उनकी मदद की। अमित ने ताया कि डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने 10.50 करोड़ रुपये दान किए, जिससे कनव का महंगा इलाज कराना संभव हो पाया। उन्होंने कहा- “दिल्ली में इस बीमारी के और भी मामले होंगे लेकिन केवल एक बच्चे के इलाज के खर्च का इंतजाम हो पाया। गर्भावस्था के दौरान इस बीमारी की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश होने चाहिए। चंदे के जरिये इतनी रकम जुटा पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है।” 

PunjabKesari
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कनव के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि देश में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) के केवल नौ ज्ञात मामले हैं और कनव का मामला दिल्ली में ऐसा पहला मामला था। केजरीवाल ने कहा- “अनुवांशिक बीमारी की वजह से कनव के पैरों को लकवा मार गया था। धीरे-धीरे बीमारी ने उसके शरीर के ऊपरी हिस्सों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया और वह बैठने में असमर्थ हो गया।” मुख्यमंत्री ने महंगे इंजेक्शन के लिए कुछ मशहूर हस्तियों और सांसदों समेत दान करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने अमेरिका में स्थित दवा कंपनी को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि वह 10.5 करोड़ रुपये में दवा बेचने पर सहमत हुई।

Related News