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शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल, WHO ने दी चेतावनी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Sep, 2020 02:55 PM
शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल, WHO ने दी चेतावनी

कोरोना महामारी से निपटने के लिए चीन, रूस, भारत, अमेरिका जैसे कई देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने की रेस में लगे हुए हैं। इसी बीच खूब आई है कि संयुक्त अरब अमीरात में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल शुरु हो चुका है। यहां करीब 31 हजार लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। ट्रायल में 120 देशों के लोग शामिल है इसलिए इसमें 6 हफ्ते का समय लग सकता है।

शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल

अमीरात में लोगों को जो वैक्सीन लगाई जा रही है उसे चीनी कंपनी सिनोफार्म ने बनाया है। वैक्सीन ट्रायल में यूएई की सरकार और G42 हेल्थकेयर साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बहुत से लोगों को तो दूसरी डोज भी दी जा चुकी हैं। हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन दी गई है वह डॉक्टर्स की निगरानी में हैं।

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दिसंबर तक मार्केट में आएगी वैक्सीन

फिलहाल वैक्सीन के पहले व दूसरे ट्रायल में कोई भी साइड-इफेक्ट सामने नहीं आया इसलिए इससे काफी उम्मीदें जताई जा रही हैं। ट्रायल सफल होने के बाद यह वैक्सीन दिसंबर तक मार्केट में आ सकती हैं, जिसकी कीमत 1000 युआन (करीब 10,700) रुपए होगी। वहीं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जा चुका है।

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WHO ने दी चेतावनी

दरअसल, बहुत से देश ऐसे भी हैं जो ट्रायल पूरा किए बिना ही लोगों को वैक्सीन दे रहे हैं। वहीं, अमेरिका के FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) आखिरी ट्रायल पूरा किए बिना ही लोगों को वैक्सीन देने की तैयारी में हैं। ऐसे में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने मामले को गंभीरता से लेनी की चेतावनी दी है। यही नहीं, WHO ने लॉकडाउन हटाने वाले देशों को भी चेताया है कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि कोरोना के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं।

प्री क्लीनिकल स्टेज पर हैं 143 टीके

WHO की चीफ सेकेटरी वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने का कहना है कि भले ही सभी देशों को दवाओं को मंजूरी देने का अधिकार है लेकिन यह कोई मामूली बीमारी नहीं है। बता दें कि फिलहाल 143 टीके प्री क्लीनिकल स्टेज और 33 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल पर हैं। 

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खैर, वैक्सीन का इंतजार तो पूरी दुनिया ही कर रही हैं लेकिन इस नाजुक मामले में किसी भी तरह की जल्दबाजी हानिकारक साबित हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि इससे लोगों पर साइ-इफैक्ट हो जाए। ऐसे में बिना ट्रायल वैक्सीन दी जाने वाली खबर वाकई चिंता बढ़ा देगी।

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