कोरोना वायरस के कारण देशभर में लगे लाॅकडाउन में आज से देश में धार्मिक स्थलों, मॉल और होटलों को खोलने की इजाजत दे दी गई है। हालांकि, सरकार द्वारा कुछ नियम बनाएं गए हैं जिनका पालन मदिंर प्रशासन और श्रद्धालुओं को करना जरूरी होगा। इन नियमों को ध्यान में रखते हुए ही श्रद्धालु दर्शन और पूजा कर सकेंगे। कोरोना वायरस के खतरे के बीच श्रद्धालु घर पर ही पूजा-पाठ कर रहे थे। तो चलिए जानते हैं कौन सी खास बातों का ध्यान रखना होगा।
इन नियमों की करें पालना
- मंदिर के बाहर ही श्रद्धालुओं को सैनिटाइज करके प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
- मंदिर में मास्क पहनकर ही आने की इजाजत होगी। बिना मास्क के किसी को भी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- मंदिरों में जूते-चप्पल गृह को नहीं खोला जाएगा। श्रद्धालुओं को अपने जूते-चप्पल अपनी गाड़ी में ही उतार कर आना होगा।
- श्रद्धालुओं के लिए साबुन से हाथ धोने का भी इंतजाम किया गया है।
- एक-दूसरे से छह फीट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा।
- श्रद्धालुओं के फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना अनिवार्य होगा।
- श्रद्धालुओं को मूर्तियों को छूने की इजाजत नहीं दी गई है। दूर से ही उन्हें दर्शन करने होंगे।
- घर से कोई भी पूजा की सामग्री लेकर ना जाए।
- दान पेटियों को बंद रखा जाएगा। किसी भी प्रकार का दान स्वीकार नहीं होगा।
- मंदिरों में प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा।
- भगवान को फूल-माला चढाने की भी अनूमति नहीं है।
- धार्मिक स्थलों में भजन-कीर्तन या कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति नहीं है।
- वहां बैठकर प्रार्थना करने के लिए घर से ही बैठने के लिए सामान लेकर आना होगा।
वहीं कुछ राज्यों और संस्थाओं ने सुरक्षा कारणों से अभी अपने धार्मिक स्थान नहीं खोलने का फैसला लिया है। इनमें जम्मू का माता वैष्णो देवी मंदिर को भी बंद रखा गया है। महाराष्ट्र, झारखंड, गोवा और ओडिशा सरकारों ने भी मंदिरों को नहीं खोलने का फैसला लिया गया है। इन राज्यों में सभी धार्मिक स्थल 30 जून तक बंद रहेंगे।