आज कल बहुत से लोग किस्मत का खेल समझकर अपने साथ जो भी हो रहा होता है उसे सहन कर लेते हैं। आवाज उठाए बिना उनकी जुबां पर एक ही बात होती है कि शायद भगवान यही चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं है...अगर आपके साथ कुछ गलत हो रहा है तो वो चीज तब तक ठीक नहीं होगी जबतक आप अपने हक के लिए दुनिया के विरूद्ध नहीं चले जाते।
एक ऐसी ही उदाहरण पेश की है यूपी के मेरठ की रहने वाली संजू रानी वर्मा ने । जो अपने परिवार के खिलाफ गई और घर छोड़ दिया और आज वह अफसर है। दरअसल आज से 7 साल पहले संजू ने अपना घर छोड़ा था।
घरवालों ने बनाया शादी का दबाव
संजू जब 28 साल की थी तो उनकी मां का देहांत हो गया था। इसके बाद घरवालों ने उनपर शादी करने के लिए दबाव बनाया। इतना ही नहीं घरवाले संजू की शादी कराने के लिए इतने जल्दबाजी में थे कि उन्होंने संजू से कॉलेज बीच में छोड़कर ही शादी करने को कहा।
घर छोड़ने के साथ यह चीज भी छोड़नी पड़ी
संजू ने अपनी ग्रेजुएशन तो कर लीं थी लेकिन ग्रेजुएशन होते ही परिवार वालों का शादी के लिए दबाव और बढ़ता गया। जिससे परेशान होकर संजू को घर तो छोड़ना ही पड़ा साथ ही में वो पीजी का कोर्स भी छोड़ना पड़ा जिसे करने के लिए उन्होंने मेहनत की थी। लेकिन संजू ने हिम्मत नहीं हारी और घर छोड़कर अपने करियर को बनाने के बारे में पहले सोचा।
किराए पर कमरा लिया
घर छोड़ने के बाद संजू ने एक कमरा लिया और वहां किराए पर रहने लगीं। इतना ही नहीं वह साथ में बच्चों को पढ़ाने भी लगीं लेकिन साथ ही में संजू ने अपने सपने को पीछे नहीं छोड़ा और दिन रात सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए तैयारी करती रहीं।
पीसीएस की परीक्षा की पास
संजू की कड़ी मेहनत का रंग है कि वह आज पीसीएस अफसर है। अब संजू का सपना है कि वह आईएएस बने।