जरा सोचिए अगर आपकी छत के उपर हवाईजहाज़ आकर खड़ा हो जाए ताे कैसा नजारा होगा। अजीब लग रहा है नो लेकिन ऐसा नजारा पंजाब के एक गांव में रोज देखने को मिलता है। यहां तो हवाईजहाज़ के अलावा घोड़े, कार, बस भी छतों पर खड़े आम दिखते हैं। तो चलिए आज हम आपकाे बताते है कि इस गांव की ऐसी खूबी, जिसके चलते यह देश ही नहीं दुनिया में भी छाया हुआ है।
हम बात कर रहे हैं पंजाब के जालंधर के पास के उप्पला गांव की। यहां के अधिकतर लोग विदेश में रहते हैं, ऐसे में एनआरआईज़ अपनी कोठियों को अलग पहचान देने के लिए छत पर अलग- अलग टंकियां लगाते हैं। इसका मतलब कोठी पर रखी जाने वाली टंकियों से उसकी पहचानी होती है।
उप्पला गांव के घरों को रखना हो तो आपको पानी की टंकी का शेप याद रखना होगा। यहां पर आपको हवाई जहाज, घोड़े, गुलाब, कार, बस आदि अनेक आकारों की टंकियां आम दिखाई देंगी। अगर किसी की छत पर आर्मी का टैंक दिख जाए तो समझिए उस घर से कोई न कोई सदस्य आर्मी में है।
अगर आपको छत पर प्लेन दिखे तो समझिए उस घर के लोग एन आर आई हैं। इसकी शुरुआत करीब 70 साल पहले हांगकांग जाने वाले तरसेम सिंह ने की थी। अपने बेटों को अपनी पहली यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था कि हम भी अपने घर पर शिप बनवाएंगे। 1995 में यह शिप बनाई गई और यहीं से दौर शुरू हुआ इन अतरंगी टंकियों का।
उनका यह आइडिया लोगों को खूब पसंद आया तब से लेकर अब तक ये सिलसिला जारी है। यहां पर कोई शेर के रूप में टंकी बनाकर अपनी बहादुरी ज़ाहिर करता है तो कोई बाज बनाकर अपनी पहचान को दमदार रूप से प्रस्तुत करता है। यहां पर करीब 200 से अधिक कोठियों में अलग अलग तरीके की टंकियां आपको दिखाई देगी।