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खर्राटे लेने वालों के लिए काम की खबर, ये है गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम का सबसे बड़ा संकेत

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 29 Nov, 2025 07:04 PM
खर्राटे लेने वालों के लिए काम की खबर, ये है गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम का सबसे बड़ा संकेत

नारी डेस्क: अगर आपका पार्टनर सोते समय जोर से खर्राटे लेता है, तो इसे सिर्फ एक सामान्य आदत समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार, लगातार और तेज़ खर्राटे कई बार गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स का संकेत हो सकते हैं, खासकर तब जब आदमी रात में कई बार सांस रुकने जैसी समस्या से गुज़रता है। यह स्थिति Obstructive Sleep Apnea (OSA) से जुड़ी हो सकती है, जो समय रहते इलाज न होने पर हार्ट और ब्रेन दोनों पर खतरा बढ़ा सकती है।


डॉक्टर की चेतावनी 

तेज़ खर्राटों के साथ अगर नींद के दौरान सांस रुकती है, तो यह मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचने में रुकावट पैदा करता है। इससे स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। OSA में बार-बार सांस रुकने से शरीर “स्ट्रेस मोड” में आ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हाइपरटेंशन क्रॉनिक हो सकता है। यह आगे दिल की बीमारी का कारण बन सकता है। जब नींद में ऑक्सीजन कम मिलने लगती है तो दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है हार्ट रिदम (धड़कन) डिस्टर्ब हो सकती है जिससे हार्ट अटैक या दिल की कमजोरी (Heart Failure) का खतरा बढ़ता है।


टाइप-2 डायबिटीज का भी खतरा 

नींद की गुणवत्ता खराब होने से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है शरीर शुगर नियंत्रित नहीं कर पाता  और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। नींद में सांस रुकने से हार्टबीट अनियमित हो सकती है। Atrial fibrillation (AF) की संभावना भी बढ़ जाती है।यदि नींद में दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो याददाश्त कमजोर, ध्यान में कमी, चिड़चिड़ापन, दिनभर थकान हो सकती है। खराब नींद , हार्मोनल असंतुलन ,  ज्यादा भूख , वजन बढ़ना और मोटापा फिर OSA को और खराब करता है। यह एक चक्र बन जाता है।


कब समझें कि खर्राटे खतरे का संकेत दे रहे हैं?

-खर्राटे रोज़ आते हैं
-सांस रुकने जैसा लगता है
-सोते में हांफना या अचानक उठ जाना
- सुबह सिर दर्द
- दिनभर नींद आना
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- नींद के बाद भी थकान रहना

यदि इन लक्षणों में से कई मौजूद हैं, तो Sleep Apnea का टेस्ट जरूरी है।


खर्राटों को कम करने के आसान उपाय

-सोते समय करवट लेकर सोएं
- वजन नियंत्रित रखें
-सोने से पहले शराब और धूम्रपान से दूरी
-रात में भारी भोजन न करें
-ह्यूमिडिफायर इस्तेमाल करें
-डॉक्टर से स्लीप स्टडी (Polysomnography) कराएं

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