पाकिस्तान में स्थिति ननकाना साहिब में बैसाखी मेले का आयोजन होना है। 14 अप्रैल के इस पर्व में हिस्सा लेने 2500 सिख तीर्थयात्री रविवार को भारत से वाघा वार्डर के रास्ते यहां पहुंचे। हर साल वैसाखी के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं।
वैसाखी की धूम यहां देखने को मिलती है... आइए आज आपको बताते हैं सिखों के इस पवित्र तीर्थ स्थल के इतिहास के बारे में जो इसे इतना खास बनाता है...
कहां पर है ननकाना साहिब
ननकाना साहिब पाक्सितान के पंजाब प्रांत में है। ये लाहौर के दक्षिण पश्चिम से लगभग 80 किलोमीटर और फैसलाबाद के पूर्व से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 550 साल पहले यहां पर सिख धर्म के संस्थापत गुरु नानक जी का जन्म हुआ था और पहली बार उन्होंने यहीं पर उपदेश दिया था। ननकाना साहिब का जन्म तलवंडी गांव में हुआ था।
कहां हुआ था गुरु नानक जी का जन्म
ननकाना साहिब गुरद्वारा गुरु नानक के जीवन के दौरान कई चमत्कारी घटनाओं और कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों की जगह है। यहां पर लगभग 18,750 एकड़ जमीन पर गुरुद्वारे हैं। ये जमीन तलवंडी गांव के एक मुस्लिम मुखिया राय बुलार भट्टी ने गुरु नानक को दी थी। ननकाना साहिब क्षेत्र शुरुआत में शेखपुरा जिले का एक तहसील था। 2005 में यह ननकाना साहिब नाम से अलग जिला बन गया।
ननकाना साहिब में हैं इतने गुरुद्वारे
ननकाना साहिब में गुरुद्वारा जन्मस्थान सहित 9 गुरुद्वारे हैं। गुरुद्वारा जन्मस्थान बेहद भव्य है, जहां बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचते हैं। गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाश स्थान के चारों ओर लंबी चौड़ी परिक्रमा है। श्रद्धालु इसी परिक्रमा में बैठकर शबद-कीर्तन का आनंद लेते हैं। यहां पवित्र सरोवर में श्रद्धालु स्नान करते हैं।
यहां बीता गुरु नानक जी का बचपन
गुरुनानक जी 15-16 वर्ष की उम्र तक तलवंडी में रहे थे। इसके बाद वह सुल्तानपुर लोधी चले गए जो अब भारतीय पंजाब के कपूरथला जिले में है। सुल्तानपुर लोधी में गुरुनानक की बहन बीबी नानकी रहती थीं।