टीवी जगत के मशहूर सितारे और रिएलिटी शो बिग बॉस 13 के विनर रहे सिद्धार्थ शुक्ला का 40 साल की उम्र में देहांत हो जाना हर किसी के लिए हैरानीजनक रहा। बता दें कि सिद्धार्थ को गुरूवार को हार्ट अटैक आया था जिस वजह से उनका अचानक निधन हो गया इस खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री समेत उनके दोस्त और फैंस भी शोक्ड में है।
मुंबई के कूपर अस्पताल के डाॅक्टर का कहना है कि जब तक सिद्धार्थ को अस्पताल ले जाया गया उससे पहले ही सिद्धार्थ की मौत हो चुकी थी। उनका कहना है कि ऐसा अनुमान है कि सिद्धार्थ की मौत नींद में ही हो गई हो।
बता दें कि सिद्धार्थ की आक्समिक मौत की खबर निश्चित तौर पर सदमे में डालने वाली और झकझोरने वाली है। क्योंकि यह सभी जानते हैं कि सिद्धार्थ अपनी बाॅडी की फिटनेस के लिए खूब जिम और अच्छी डाइट लेते थे इसके बावजूद उनका इस तरह दुनिया को अलविदा कह जाना हर किसी को खल रहा है।
हार्ट अटैक से मृत्यु कोई नई बात नहीं है लेकिन कई बार ये अटैक इतना खतरनाक होता है कि एक सेकंड में इंसान की जान निकल जाती है। आईए जानते हैं कि आखिर दिल का दौरा क्यों पड़ता है?
हमारे शरीर में हार्ट कहां और कैसे काम करता है?
हार्ट हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है, ये एक ऐसी मांसपेशी है, जो एक पंप की तरह काम करती है। हार्ट का आकार हमारी एक मुट्ठी के बराबर होता है, ये छाती के बाईं और दोनों फेफड़ों के बीच होता है। ये लगातार पंपिग करता रहता है यानि पल-पल में सिकुड़ता और फैलता रहता है। सिकुड़ने और फैलने की क्रिया से हमारे शरीर की रक्त वाहनियों में लगातार खून का प्रवाह होता है।
ऐसे आता है हार्ट आटैक
बता दें कि हार्ट खुद एक मांसपेशी है, इसे भी अपना काम करने के लिए रक्त की जरूरत होती है। रक्त धमनियां जो हार्ट को खून प्रवाह करती है जिसे कोरोनरी धमनियां भी कहते है। ये धमनियां दिल के लिए बहुत जरूरी हैं, जब तक ये हार्ट को जरूरत के हिसाब से खून भेजती रहती हैं तब तक इसे आक्सीजन मिलती रहती है और यह अपना काम सही तरीके से करता रहता है।
जब हार्ट तक सही तरीके से खून और आक्सीजन नहीं पहुंचता तो उससे दिल अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता और ऐसी स्थिति में आमतौर पर लोगों के सीने में असहनीय दर्द होने लगता है, जोकि हार्ट अटैक के संकेत है।
आखिर दिल का दौरा क्यों पड़ता है?
इसके बाद भी हर किसी के मन ये आशंका रहती है कि आखिर दिल का दौरा क्यों पड़ता है। दिल के दौरे का अर्थ है कि रक्त की कमी के कारण किसी हिस्से का नष्ट हो जाना, इसकी कई वजहें हो सकती हैं। जैसे कि अगर हार्ट को रक्त देने वाली धमनियों के अंदर चिकनाई जमा हो जाए जिसे कोलोस्ट्रोल भी कहते है ऐसे में भी धमनियों में खून सही ढंग से प्रवाह नहीं हो पाता। इस रुकावट से दिल में रक्त की कमी हो जाती है और सीने में दर्द होने लगता है जिसे एंजाइना पेक्टोरिस भी कहते हैं, कई बार आक्सीजन में रूकावट से भी धमनियों के अंदर रक्त सही तरीके से प्रवाह नहीं पाता।
दिल के दौरे के लक्षण
जब दिल का दौरा पड़ता है को कुछ खास लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे कि-
-सीने में तकलीफ या दर्द
-सीने में जकड़न या छींक आना
-हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द
-ठंडा पसीना
-जी मिचलाना
-हार्टबर्न या पेट दर्द
-सांसों की कमी
-थकान
इस उम्र के बाद जरूर चेकअप कराए
आज के बदलते दौर में हार्ट अटैक की समस्या किसी भी उम्र में देखने को मिल जाती है लेकिन 35 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति या जिसे उच्च कोलेस्ट्रॉल, बी.पी., डायबिटीज, मोटापा या हार्ट संबंधित समस्या हो तो उसे नियमित तौर पर हृदय जांच जरूर करानी चाहिए।