छोटे शिशु बहुत ही नाजुक होते हैं। 6 महीने के बच्चे को सिर्फ अपनी मां का दूध ही पूरा पोषण मिल जाता है। दूध छोड़ने के बाद जब वह थोड़ा-बहुत ठोस आहार लेना शुरू करता है तो भी हेल्दी डाइट ही देना चाहिए। लेकिन कई बार हम शिशु को भी जो खुद खा रहे होते हैं वो खिला देते हैं और स्वाद के लिए उनके खाने में ही नमक- चीनी डाल देते हैं ताकि वह अच्छे से खा लें। लेकिन ये उसके हेल्थ के लिए हानिकारक होता है।
1 साल से कम उम्र के बच्चे को बिल्कुल भी न दें नमक- चीनी
1 साल से कम उम्र के बच्चों को बिल्कुल भी नमक-चीनी नहीं देनी चाहिए। इससे उनकी किडनी, पाचन तंत्र और दिल पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसलिए, एक 1 साल तक बच्चों को सिर्फ ब्रेस्टफीड कराना चाहिए और दलिया, खिचड़ी, ओट्स जैसे हेल्दी डाइट बिना चीनी या नमक के देने चाहिए। एक साल के बाद धीरे-धीरे उसके डाइट में नमक- चीनी शामिल किया जा सकता है। लेकिन बिल्कुल न्यूनतम मात्रा में। National Dietary Guidelines issued by the Indian Council of Medical Research-National Institute of Nutrition (ICMR-NIN) की मानें तो शिशु को दिनभर में सिर्फ 5% calories या शुगर देनी चाहिए।
किडनी पर पड़ता है असर
शिशु की किडनी पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं। एक साल की उम्र तक बच्चों की किडनी बहुत छोटी और कमजोर होती है। अगर इस दौरान उन्हें नमक दिया जाता है तो वह उनकी किडनी पर बोझ बन सकता है। नमक से किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ता है और उसे ज्यादा काम करना पड़ता है, बच्चों की कमजोर किडनी इस दबाव को सह नहीं कर पाती। इससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।
चीनी करती है हड्डियों को कमजोर
जब बच्चे ज्यादा मात्रा में चीनी खाते हैं तो उनके शरीर में प्रोटीन ठीक से पच नहीं पाता। प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। यह हमारी हड्डियों, मांसपेशियों और त्वचा को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। जब प्रोटीन ठीक से ना पचे तो हमारी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं।
आंखें हो सकती है कमजोर
वहीं चीनी खाने से हमारी त्वचा और रक्त वाहिकाओं का लचीलापन भी कम हो जाता है। इससे बचपन से ही बच्चों के दांत खराब हो सकते हैं या उनकी आँखें कमजोर हो जाती है. इसलिए बच्चों को बिल्कुल भी चीनी नहीं देनी चाहिए। उनके लिए गन्ने का रस या शहद ही काफी है। इसलिए 1 साल तक बच्चों को नमक या चीनी नहीं देनी चाहिए।
नोट- 2 साल तक के बच्चे को नमक- चीनी से दूर रखें और उनकी डाइट में 500 ग्राम फल और सब्जियां एड करें। इससे बच्चा हेल्दी होगा।