कत्थक को एक नए मुकाम पर पहुंचाने वाली शोवना नारायण का जन्म 2 सितंबर 1950 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। शोवना नारायण कत्थक नृत्यांगना के साथ एक सरकारी अफसर भी रह चुकी हैं। उन्हें पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी समेत कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
तीन साल की उम्र में शुरू किया थिरकना
शोवना नारायण ने तीन साल की उम्र में कोलकता में साधना बोस की देखरेख में कत्थक सीखना शुरू कर दिया था। एक मीडिया संस्थान द्वारा आयोजित वेबिनार में बोलते हुए शोवना बताती हैं कि उन्होंने छोटी उम्र से कत्थक सीखना शुरू किया था। इसके बाद वह मुंबई चली गईं। यहां उन्होंने जयपुर घराने के गुरु कुंदनलाल जी सिसोदिया से आगे की शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में पंडित बिरजू महाराज से कत्थक की शिक्षा ग्रहण की।
'कभी नहीं भूलूंगी बिरजू महराज जी की कृतज्ञता'
शोवना कहती हैं कि वे कभी भी कत्थक सम्राट बिरजू महाराज को नहीं भूलेंगी। उन्होंने बताया कि बिरजू महाराज ने दिल्ली में अपने प्रदर्शन से पहले उनके प्रदर्शन की घोषणा की थी। उनकी यह कृतज्ञता वह कभी भूल सकतीं। यह मौका उनके लिए पहले चरण के प्रदर्शन के लिए लॉन्चिंग पैड था।