30 अगस्त को जन्माष्टमी का पावन त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में बहुत ही धूम रहती है। वहीं उत्तर प्रदेश के मथुरा यानि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थल पर कई दिनों पहले ही साज-सजावट शुरु हो जाती है। इसलिए मथुरा नगरी की जन्माष्टमी देखने के लिए लोग खासतौर पर जाते हैं। वहीं बीते कुछ साल से कोरोना कारण हर त्योहार फीका नजर आ रहा था। मगर इस साल कोरोना केस में कुछ राहत होने पर मथुरा नगरी को खासतौर पर सजाया गया है। चलिए जानते हैं मथुरा नगरी में जन्माष्टमी की भव्य तैयारी से जुड़ी कुछ खास बातें...
गर्भ गृह को प्राचीन कारागार की तरह से सजाया जा रहा
इस साल की जन्माष्टमी को यादगार बनाने के लिए गर्भ गृह को प्राचीन कारागार की तरह से सजाया गया है। ऐसे में भक्तों को यह खूबसूरत नजारा ठीक द्वापर युग में कृष्ण जन्मोत्सव की तरह दिखाई देगा।
कामधेनु की प्रतिमा से किया जाएगा नंदलला का अभिषेक
कृष्ण जन्मोत्सव का यह उत्सव भागवत भवन में आयोजित किया गया है। वेणु मंजिरिका पुष्प बंगले में भगवान श्रीकृष्ण जी विराजमान होंगे और मोर-छल आसन में भगवान जी का अभिषेक होगा। भगवान का प्रकटोत्सव रजत कमल पुष्प में अभिषेक चांदी से तैयार कामधेनु की प्रतिमा से होगा।
मंदिर में गूंजेगी भव्य संगीत की आवाज
मंदिर के बाहर शहनाई, नगाड़े और अन्य वाद्य यंत्रों का संगीत गुंजेगा। इस साल भक्त भगवान जी की मंगल आरती का हिस्सा बन सकते हैं। ऐसे में वे भगवान के दर्शन कर सकते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव का उत्सव रात ठीक 11 बजे शुरु होगा। उसके बाद ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्माभिषेक किया जाएगा।
1.30 बजे तक दर्शन कर पाएंगे भक्त
जन्माभिषेक के साथ हरिबोल कीर्तन भी 12 बजे ही शुरू हो जाएगा। मंदिर में कोरोना नियमों का खासतौर पर पालन किया जाएगा। ऐसे में हर किसी को मास्क पहनकर ही मंदिर में एंट्री मिलेगी। इसके अलावा अगर कोई भक्त बिना मास्क के आएगा तो उसे मंदिर के प्रवेश द्वाप पर ही मास्क दिया जाएगा। साथ ही इस पावन दिन पर श्रद्धालुओं को रात 1.30 बजे भगवान के दर्शन करने की अनुमति रहेगी।
श्रद्धालुओं के लिए बनेंगे सामानघर
दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में मोबाइल फोन, की रिंग, बैग, माचिस, चाकू, रिमोट की आदि सामान लेने जाने की मनाही है। मग भक्तों को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो इसके लिए मंदिर प्रशासन की ओर से उनके सामान रखने के लिए एक सामानघर बनवाया जाएगा।