सरकार ने एस सोमनाथ पर भरोसा जताते हुए उन्हे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) का चेयरमैन नियुक्त कर लिया है। उनको अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोमनाथ फिलहाल विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक हैं। वह के. सिवन की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल आज समाप्त होने जा रहा है।
अंतरिक्ष संगठन के 10वें अध्यक्ष होंगे सोमनाथ
एस सोमनाथ अंतरिक्ष संगठन के 10वें अध्यक्ष होंगे। अगर उनकी उपलब्धि की बात करें तो उन्हे रॉकेट इंजिनियरिंग का महारथी माना जाता है। वह लॉन्च व्हीकल डिजाइन सहित कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। सोमनाथ ने लॉन्च व्हिकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनामिक्स, इंटीग्रेशन डिजाइन और प्रोसेड्योर, मेकैनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्नीक में महारत हासिल की है।
वीएसएससी के प्रमुख भी रह चुके हैं साेमनाथ
सोमनाथ ने तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी), वालियामाला, तिरुवनंतपुरम के निदेशक के रूप में ढाई साल के कार्यकाल के बाद, 22 जनवरी 2018 को वीएसएससी के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। इससे पहले उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के एसोसिएट निदेशक (परियोजना) और जीएसएलवी एमके- III लॉन्च वाहन के परियोजना निदेशक के रूप में भी काम किया। उनके नेतृत्व में एलवीएम3-एक्स/केयर मिशन की पहली प्रायोगिक उड़ान 18 दिसंबर 2014 को सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
हिंदी भाषा के शिक्षक थे सोमनाथ के पिता
बताया जाता है कि 2010 से 2014 तक साेमनाथ जीएसएलवी एमके-3 प्रोजेक्ट के निदेशक थे। जीएसएलवी के तीन और पीएसएलवी के 11 सफल मिशनों में उनका अहम योगदान रहा। सोमनाथ ने करियर की शुरुआत पोलर सैटलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (पीएसएलवी) से की थी। इसे डेवलप करने में उनका खास योगदान रहा। सोमनाथ के पिता एक हिंदी भाषा के शिक्षक थे, उन्होंने सोमनाथ को अंग्रेजी और मलयालम दोनों में विज्ञान की किताबें दी और भविष्य में वैज्ञानिक बनने के लिए प्रोत्साहित किया।