जहां एक तरफ कोरोना का कहर जारी है वहीं इससे बचने के लिए लोग बार-बार सैनेटाइजर से अपने हाथों को साफ कर रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में सैनिटाइजर की खपत बढ़ गई। अस्पताल से लेकर घर-घर में, बड़ों से लेकर बच्चें तक इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तो मानों हैंड सैनेटाइजर हमारी आदत का हिस्सा बन गया हो लेकिन अमेरिका के एक शोध ने हैंड सेनेटाइजर के इस्तेमाल पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, अमेरिका की ऑनलाइन फॉर्मा कंपनी वैलिजर का दावा है कि हैंड सैनेटाइजर में मौजूद केमिकल्स कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं।
कैंसर का खतरा बढ़ा रहे सैनेटाइजर
दरअसल, रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले इस सैनेटाइजर्स में ऐसे खतरनाक कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। रिसर्च के मुताबिक, लगभग 44 सैनेटाइजर ऐसे हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। बता दें कि 260 से अधिक सैनेटाइजर पर किए गए शोध के बाद यह नतीजा निकाला गया है।
क्या कहती है रिसर्च?
रिसर्च के बाद वैलिजर ने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि विभाग को एक चिट्ठी लिखकर सचेत किया, जिसमें लिखा था कि 44 से अधिक सैनेटाइजर में बेंजीन जैसे खतरनाक कैमिकल्स मिले हुए हैं, जो कैंसर का खतरा पैदा करते हैं। बेंजीन वाले ज्यादा सैनेटाइजर जेल के रूप में थे, जो ज्यादातर ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भी बिक रहे हैं।
क्या होता है बेंजीन?
बेंजीन एक ऐसा रंगहीन लिक्विड कैमिकल होता है, जो रूम टेम्प्रेचर में पीले रंग का हो जाता है। WHO की इंटरनेशनल एजेंसी रिसर्च ऑन केंसर द्वारा की गई रिसर्च में बेंजीन की पहचान कार्सिनोजेन केमिकल के रूप में की गई है। बता दें कि इसे खतरनाक केमिकल्स की श्रेणी ग्रुप -1 में रखा गया है।
कैंसर का खतरा कैसे बढ़ावा है बेंजीन?
बेंजीन के संपर्क में आने से शरीर में रक्त कणिकाएं काम करना बंद कर देती है जबकि इसके कारण लाल रक्त कणिकाएं बनना बंद हो जाती है। इसके कारण व्हाइट ब्लड सेल्स भी कम होने लगते हैं, जिसके कारण इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में इससे कैंसर, खासकर ब्लड कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।