नारी डेस्क: देश में एक बड़ा तबका राधा स्वामी डेरा ब्यास से जुड़ा है। डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की एक झलक पाने के लिए अनुयायी बेताब रहते हैं। हाल ही में, मार्च के आखिरी भंडारे के मौके पर करीब 10 लाख श्रद्धालु डेरा ब्यास पहुंचे थे। इस कारण सत्संग पंडाल छोटा पड़ गया और पार्किंग की व्यवस्था भी चैलेंज बन गई। इस बार पार्किंग के रिकॉर्ड टूट गए और वाहनों को अस्थायी रूप से पार्किंग स्थल के बाहर खड़ा किया गया। अब संगत मई महीने में होने वाले अगले सत्संग का इंतजार कर रही है। राधा स्वामी संगत जो सतसंग की नई अपडेट पाना चाहते हैं तो बता दें कि अगला भंडारा मई महीने में होगा।
डेरा ब्यास में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों द्वारा आयोजित अगला सत्संग मई में...
डेरा ब्यास में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों द्वारा आयोजित अगला सत्संग मई महीने में होगा। इस बार 4 मई (रविवार), 11 मई (रविवार) और 18 मई (रविवार) को सत्संग आयोजित किया जाएगा। संगत को इस सत्संग का बेसब्री से इंतजार है, और उन्हें उम्मीद है कि यह आयोजन पहले से भी अधिक भक्तिपूर्ण और प्रेरणादायक होगा।

हाल ही में हुए सत्संग का अनुभव
रविवार को आयोजित सत्संग में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने संगत को अपने प्रेरणादायक शब्दों से प्रभावित किया। इस अवसर पर हजूर जसदीप सिंह गिल भी मंच पर उपस्थित थे। बाबा ने स्वामीजी की बानी से "धुन सुन कर मन समझाईं" शब्दों की व्याख्या की और संगत को यह संदेश दिया कि नाम शब्द की कमाई के बिना व्यक्ति अपने कर्मों से मुक्त नहीं हो सकता।
बेहतर पार्किंग और सेवाएं
जैसा कि संगत बहुत बड़ी संख्या में आई थी, पार्किंग की जगह कम पड़ गई और वाहन पार्किंग स्थल के बाहर खड़े किए गए। हालांकि, 10,000 से अधिक सेवक उपस्थित थे, जिन्होंने लंगर, सफाई, कैंटीन, भोजन भंडारण, यातायात व्यवस्था और अन्य सेवाओं को सही ढंग से संभाला। डेरा ब्यास के स्टेशन सेवकों ने भी रेल से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को बेहतरीन सेवा प्रदान की।

डेरा ब्यास की बढ़ती लोकप्रियता
राधा स्वामी डेरा ब्यास, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में, पिछले कुछ दशकों में एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है। यह डेरा न सिर्फ पंजाब, बल्कि देश-विदेश में लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र बन चुका है। यहां हर आयु वर्ग के लोग शांति, प्रेम और आत्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते हैं। सत्संग के दौरान, लोग अपनी आत्मा की शांति के लिए ध्यान और भक्ति में लीन होते हैं।
संगत को अब मई महीने में होने वाले भंडारे और सत्संग का इंतजार है, जहां वे और अधिक आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति की उम्मीद कर रहे हैं।