राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित एक समारोह में कई दिग्गज हस्तियों को पद्म पुरस्कार मिला। अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, गायिका उषा उत्थुप, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक और उद्योगपति सीताराम जिंदल के साथ- साथ पंजाब फिल्म इंडस्ट्री की शान मानी जाने वाली निर्मल ऋषि को भी पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
पंजाब की मशहूर अदाकारा श्रीमती निर्मल ऋषि पंजाब का गौरव और कला जगत के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। पंजाबी फिल्म और टेलीविजन अभिनेत्री को पहली फिल्म लॉन्ग दा लिश्कारा (1983) में 'गुलाबो मासी' की भूमिका के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है। वैसे तो वह कई पंजाबी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं, पर निक्का जैलदार और द ग्रेट सरदार जैसी फिल्मों से उन्होंने अपनी एक अलग जगह बना ली।
निर्मल ऋषि 80 साल की उम्र में इस अवॉर्ड से सम्मानित होकर बेहद खुश हैं। 41 साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार उन्हें ये सम्मान मिला। आवॉर्ड मिलने के बाद उन्होंने अपनी खुशी सांझा करते हुए बताया कि जब उन्हें सम्मान मिलने की खबर मिली तो उनका क्या रिएक्शन था। ऋषि ने एएनआई को बताया- "जब मुझे पहला कॉल आया, तो मैं घबरा गई मुझे खुशी है कि मुझे कॉल आया। उन्होंने कहा- मैंने बहुत सारे थिएटर किए हैं। मैंने लगभग 100 फिल्मों में काम किया है।"
1943 में पंजाब के मनसा जिले के खिवा कलां गांव में जन्मी निर्मल ऋषि फिल्मों में आने से पहले सरकारी कॉलेज पटियाला में फिजिकल एजुकेशन की टीचर थीं। बचपन से ही उन्हें थिएटर का शौक था, यही जुनून उन्हें फिल्मों में ले आया और आज वह पंजाबी फिल्मों की शान बन गई है। उन्हें फिल्में‘दंगल’ और ‘राजमा चावल’ जैसी बॉलीवुड फिल्मों में भी देखा जा चुका है।