महिलाएं काम तो पुरुषों के बराबर ही करती हैं, लेकिन उनका वेतन कम क्यों होता है? ये सवाल सालों से उठाया जा रहा है लेकिन इसका जवाब आज तक मिल नहीं पाया है। हर इंडस्ट्री में महिलाएं इक्वल-पे के लिए संषर्घ कर रही है। फिल्म इंडस्ट्री भी इससे अछूती नहीं रही है, यहां भी टैलेंट की जगह जेंडर के हिसाब से फीस दी जाती है। कई बार एक्ट्रेसेस के टैलेंट को नजरअंदाज कर दिया जाता है। अब प्रियंका चोपड़ा ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है।
ग्लोबल आइकन प्रियंका चोपड़ा जल्द ही प्राइम वीडियो की मोस्ट अवेटेड सिरीज ‘सिटाडेल’ में नजर आने वाली है। ट्रेलर में देसी गर्ल का एक्शन सिक्वेंस देखकर सब हैरान रह गए हैं। सिटाडेल के प्रमोशनल इवेंट में प्रियंका ने सालों से दिल में छुपाए अपने दर्द को बयां किया है। उन्होंने कहा- 22 साल के सिने करियर में ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें सिटाडेल के लिए अपने पुरुष सह-कलाकार के बराबर फीस मिली है।
प्रियंका ने कहा- "मैंने अभी तक के अपने करियर में 70 से ज्यादा फिल्में और 2 टीवी शोज किए हैं। लेकिन जब मैंने Citadel की, तो यह मेरे करियर में पहली बार था जब मुझे बराबर की फीस दी गई। उन्होंने कहा- मुझे यह कहते हुए हंसी आ रही है, लेकिन यह पागल करने जैसा था। अमेजन स्टूडियो ने कहा कि आप ये डिजर्व करती हैं, आप दोनों को-लीड्स हैं, यह अनफेयर हो जाएगा (अगर आपको कम फीस दी जाए)। तब मेरा रिएक्शन था कि आप सही कह रहे हैं। यह गलत होगा"।
इससे पहले तापसी पन्नू भी इस मुद्दे पर खुलकर बात कर चुकी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘जब पुरुष ज्यादा फीस की डिमांड करते हैं तो उन्हें पे कर दिया जाता है, लेकिन अगर महिला ऐसा करती है तो उसे कहा जाता है कि वो ज्यादा डिमांडिंग है’। याद हो कि दीपिका पाडुकोण ने भी संजय भंसाली की फिल्म को कम पैसे मिलने के कारण रिजेक्ट कर दिया था।
बता दें कि सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं साउथ में भी बनने वाली ज्यादातर फिल्में मैन-सेंट्रिक (पुरुष केंद्रित) होती हैं और इनमें मेल एक्टर की फीस फीमेल एक्टर की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है। पिंक और दंगल में भी कुछ ऐसी ही देखने काे मिला था। इन फिल्मों में लीड रोल भले ही वुमन का था लेकिन फिल्म का सारा क्रेडिट मेल स्टार अमिताभ बच्चन और आमिर खान ले गए थे।