कुछ महीने पहले जॉर्डन के क्राउन प्रिंस हुसैन बिन अब्दुल्लाअरब की आर्किटेक्ट रजवा अल सैफ के साथ शादी के बंधन में बंधे। इस शाही शादी में दुनिया भर के रॉयल्स ने भाग लिया। इस दौरान दुनिया भर के रॉयल्स और गणमान्य व्यक्तियों के एक से बढ़कर एक लुक देखने को मिले, हालांकि इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा में रही शेखा मोजा बिन्त नासिर।
शेखा मोजा ने अपने लुक से दुनिया को एक बार फिर बता दिया था कि फैशन के मामलें में वह किसी से कम नहीं है। अधिकांश मेहमानों की तरह क़तर के अमीर शेख तमीम की मां शेखा ने भी शादी और शाम के भोज दोनों के लिए अलग- अलग आउटफिट पहने। दिन के समारोह के लिए उन्होंने वैलेंटिनो 1989 के ऑटम हाउते कॉउचर संग्रह से आउटफिट कैरी किया।
दूसरे दिन लाइम ग्रीन कलर के आउटफिट में उनकी खूबसूरती देखने लायक थी। उन्होंने बोल्ड पोशाक को एक शानदार ब्रेसलेट के साथ जोड़ा। शेखा के इस शानदार 128.48 कैरेट हीरे के ब्रेसलेट को 'लिमार' के रूप में भी जाना जाता है, यह हीरा बड़ौदा की महारानी सीता देवी के संग्रह का भी हिस्सा रह चुका है। 128 कैरेट का हीरा एक शानदार 3-स्तरीय हीरे के हार पर जड़ा हुआ था, इसी नेकलेस में 78.5 कैरेट का इंग्लिश ड्रेसडेन डायमंड भी लगा हुआ था जो इसकी खूबसूरती बढ़ा रहा था।
द स्टार ऑफ़ द साउथ को बाद में मुंबई के रुस्तमजी जमशेदजी ने खरीद लिया, जिन्होंने इसे 2002 में कार्टियर को बेच दिया गया था। माना जाता है कि चमकदार हार 300 से अधिक मोतियों से बना था। भारत की स्वतंत्रता के बाद महाराजा प्रताप सिंह राव को हार बड़ौदा कोषागार को लौटाना पड़ा लेकिन इसका एक मोती गायब था। एस्ट्रेला डू सुल और ऐतिहासिक कुशन के आकार का हीरा 1853 में ब्राजील में पाया गया था। तब से यह ज्वैलरी शाही लोगों की पहली पसंद रही है। रॉयल ज्वैलरी एक गुमनाम खरीदार के पास चली गई थी। अब यह दुनिया की सबसे फैशनेबल और सुरुचिपूर्ण महिलाओं में से एक की कलाई पर है।
ब्राजील से कतर तक... जानते हैं इस रॉयल ज्वैलरी की पूरी कहानी
रॉयल शेखा मोजा ने शादी समारोह में अपनी कलाई पर स्टार ऑफ द साउथ डायमंड पहना।
- महाराजा खांडेराव गायकवाड़, महाराजा मल्हारराव गायकवाड़ के भाई भी पहन चुके हैं ये हारद।
-सीता देवी बड़ौदा को बेहद पसंद था ये हीरा
-@cartier ने हीरा 2002 में मुंबई से खरीदा था और अब यह एक ब्रेसलेट है।