ऑस्ट्रेलियन फैशन वीक के 26 साल के इतिहास में पहली बार प्लस साइज़ मॉडल्स ने रैंप वॉक किया। बेला मैनेजमेंट के सीईओ, चेल्सी बोनर का कहना है कि वह 20 साल से इसके लिए लड़ रही थी और अब जाकर उनका सपना पूरा हुआ है। हालांकि ये सब कुछ इतना आसान नहीं है।
रैंप वॉक पर प्लस साइज़ मॉडल्स का Confident देखने लायक था। इस फैशन वीक का मकसद उन महिलाओं को आकर्षित करना है जो दुबली पतली नहीं बल्कि भारी और मोटी हैं। Fashion Week की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई है और लोग सभी मॉडल्स की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
चेल्सी बोनर बताती हैं कि इस शो के लिए 60 भारी भरकम महिलाओं को चुना गया। उन्होंने कहा कि- हम एक 'पूरी नई दुनिया' में रह रहे हैं। जिस तरह से हम शरीर के बारे में सोचते हैं, जिस तरह से हम अपने बारे में सोचते हैं वह अब बहुत अलग है।
सीईओ कहती हैं कि ज्यादातर फैशन लेबल और डिजाइनर स्लिम लड़कियों के लिए डिजाइनर कपड़े बनाते हैं। जिससे प्लस साइज लड़कियों के लिए बहुत ही कम विकल्प होते हैं। लेकिन अब इस धारणा को बदला जा रहा है। 2012 में अपने पति के साथ प्लस-साइज़ लेबल हार्लो की सह-स्थापना करने वाली डिज़ाइनर केरी पिएत्रोबोन ने कहा कि "फ़ैशन सभी के लिए है"।
उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया ने नई पहल कर ली है लेकिन बाकी देश अभी भी बहुत पीछे हैं।
दरअसल अपने 26 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि ऑस्ट्रेलियन फैशन वीक ने कर्व डिज़ाइनर को एक पूरे शो को कर्व फैशन के लिए समर्पित किया है।" चेल्सी बोनर कहती हैं कि हम प्लस साइज़ मॉडल्स का बाहें खोलकर स्वागत करने को तैयार हैं।
यूं तो पिछले कुछ वर्षों में प्लस साइज फैशन के बारे में काफी कुछ कहा जाता रहा है, लेकिन देखने की बात यह है कि कितने डिजाइनर्स ने इसे वास्तव में एक्सप्लोर किया? आज भी इन रीयल लोगों के लिए परिधान तैयार करना और उन्हें मार्केट में लाने का काम बहुत कम लोग कर रहे हैं।
इन्क्लूसिव फैशन का अर्थ है कि यह हर बॉडी टाइप और शेप के लिए हो, न कि केवल उनके लिए, जिन्हें आदर्श रूप से दुबले-पतले या लंबे फैशन मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।’ बता दें कि बीते कुछ दिनों में कई प्लस साइज मॉडल्स ने हॉलीवुड और Bollywood दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है.