हम यह मान लेते हैं कि हम जिस पूल में तैर रहे हैं वहां लोग पेशाब नहीं करते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग यहां पेशाब करते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि 40% लोग पूल में तैरते समय पेशाब करने की बात स्वीकार कर चुके हैं। स्विमिंग पूल हो या नदी-तालाब, जब भी कोई पानी के अंदर जाता है, उसे अक्सर टॉयलेट लग जाता है। चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है।
क्याें आता है स्विमिंग पूल में पेशाब
अक्सर देखा जाता है कि स्विमिंग पूल के अंदर जाने से पहले पेशाब करने की नसीहत दी जाती है, लेकिन कुछ लोग इस बात को इग्नोर कर देते हैं और जोर पड़ने पर पानी के अंदर ही पेशाब कर देते हैं। दरअसल स्विमिंग पूल में कुछ देर बिताने पर ब्लैडर पर इतना प्रेशर बनने लगता है कि आप अपने पेशाब को कंट्रोल नहीं कर पाते और पूल में ही कर देते हैं।
डायरिया होने का खतरा
चिकित्सकों का भी मानना है कि स्विमिंग पूल के पानी में ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो डायरिया का कारण बनते हैं। बताया जाता है कि यूरिन में कई तरह के केमिकल्स होते हैं, जो हानिकारक बैक्टेरिया के साथ मिलकर नुकसान पहुंचाते हैं। जब आप पानी के अंदर गहरी डाइव लगाते हैं तो Immersion Diuresis की स्थिति और बढ़ जाती है। जैसे ही वाटर का प्रेशर बढ़ता है वैसे ही आपका ब्लड प्रेशर भी इंक्रीज होने लगता है और आपकी किडनी तेजी से शरीर के अंदर मौजूद पानी को फिल्टर करने लगती है. ऐसी स्थिति में आपको पेशाब तेज लगता है।
इसे लेकर किया गया रिसर्च
कनाडा के रिसर्चर्स एक सर्वे करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे की पूल में जाते ही टॉयलेट लग जाता है। इस बात को प्रूफ करने के लिए कई लोगों को स्विमिंग पूल में उतारा और इस बात का सबूत इकट्ठे किए गए। इसके अलावा लोगों के पूल में जाने से पहले पानी की मात्रा और बाद की मात्रा को भी कंपेयर किया गया, जिससे ये बात साफ हो गई है कि लोग पूल में टॉयलेट करते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
-अगर आपको नहाते हुए या पानी के अंदर पेशाब का प्रेशर लगता है तो सबसे पहले टायलेट जाकर पेशाब करना सही रहेगा।
-शावर लेने से पहले ब्लैडर को खाली करना भी एक अच्छा विकल्प है।
-पेशाब को रोकने से हाइपोथर्मिया का खतरा भी बढ़ सकता है।
-डॉक्टर का मानना है कि शॉवर में पेशाब करना महिलाओं के लिए हानिकारक साबित होता है।