कहा जाता है कि जीवनसाथी के बिना जीवन अधूरा होता है। पहले जवानी और बुढ़ापा दोनों की जरूरतों को देखते हुए शादी करने का फैसला लिया जाता है, लेकिन अब नए जमाने के लोगो का नजरिया भी बदल गया है। लोग शादी में जल्दी नहीं करना चाहते हैं कुछ ने तो शादी ना करने का मन बना लिया है।
नीचे स्तर पर पहुंचा मैरिटल रेट
दुनिया भर के हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि विवाह के प्रति लोगों का मोह भंग हो रहा है। कहा जा रहा है कि रिश्तों का दबाव ना झेल पाने का डर और सही जीवन साथी की तलाश पूरी ना होने का गम लोगों को अब आजीवन अकेले रहने पर मजबूर कर रहा है। एक देश में तो हालात इस कदर बिगड़ गए हैं यहां का मैरिटल रेट सबसे नीचे स्तर पर पहुंच गया है।
कुछ सालों तक बिगड़ जाएंगे हालात
हम बात कर रहे हैं दक्षिण कोरिया की जहां के युवाओं का रवैया शादी को लेकर कुछ अलग हैं। यहां के युवा शादी के लिए तैयार ही नहीं है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो कुछ सालों तक हर दूसरा युवा अविवाहित होगा। इसका सीधा- सीधा असर जनसंख्या पर भी पड़ रहा है। साउथ कोरिया यानी दक्षिण कोरिया की आबादी लगातार घट रही है।
72 लाख पहुंची सिंगल लोगों की संख्या
साउथ कोरिया के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक साल 2021 में यहां सिंगल लोगों की संख्या करीब 7.2 मिलियन यानि 72 लाख पहुंच गई थी। साल 2000 में ये अनुपात 15.5 फीसदी था , जो 2050 तक लगभग 40 फीसदी तक बढ़ जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2050 तक यहां सिंगल लोगों की संख्या हर 5 में से 2 हो जाएगी। इससे पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि साउथ कोरिया में 18.8 फीसदी कपल्स की शादी 5 साल से भी कम टिकी, जबकि 17.6 फीसदी जोड़े 30 साल या उससे ज्यादा वक्त तक साथ रहे।
बच्चों को बोझ मान रहे हैं लोग
दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी मानी जा रही है। पैसे की कमी और नौकरी की सुरक्षा के चलते युवा खुद को खुद को डेटिंग, शादी और बच्चों से दूर कर रहे हैं। 12 फीसदी शादीशुदा लोगों का मानना है कि वे अपने बच्चों को पालने में बोझ महसूस करते हैं। वहीं, लगभग 25 फीसदी ने कहा कि उन्हें सही साथी नहीं मिला है या उन्हें शादी करने की जरूरत महसूस नहीं होती है। ऐसे में सरकार शादी की उम्र तय कर सकती है लेकिन किसी को बाध्य नहीं कर सकती।