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सावन के महीने में शिव भक्त जरूर करें इन मंदिरों के दर्शन,यहां लगती है लंबी कतार

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 05 Jul, 2023 05:45 PM
सावन के महीने में शिव भक्त जरूर करें इन मंदिरों के दर्शन,यहां लगती है लंबी कतार

सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। इस महीने में पूरे जोरों-शोरों से भोलेनाथ की भक्ती की जाती है। उन्हें खुश करने के लिए व्रत रखे जाते है। वहीं कई सारे भक्त मंदिरों में गंगाधारी के दर्शन करने के लिए जाते हैं। इन मंदिरों में बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए लंबी कतार लगती है। लोग दूर-दूर से यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसे में अगर आप भी भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने जाना चाहते हैं तो आइए आपको बताते हैं आपको कुछ मंदिरों के बारे में जिसके दर्शन आपको जरूर करने चाहिए...

श्री बृहदेश्वर मंदिर

तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है भगवान शिव का ये प्राचीन और विशाल मंदिर। माना  जाता है कि इसे 11 वीं शताब्दी में चोल प्रथम ने बनवाया था। मंदिर की चोल वास्तुकला भी ये गवाही देती है कि मंदिर उसी काल का है। इस मंदिर को भक्त पेरिया कोविल, राजराजेश्वर और राजराजेश्वरम के नाम से भी जानते हैं।

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सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ के शिव मंदिर को खुद अरब सागर की लहरें भोलेनाथ का अभिषेक करती नजर आती हैं। ये मंदिर देश के बाहर ज्योतिर्लिंगों  में शामिल है। यहां पर भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए भक्त देश-विदेश से पहुंचते हैं।

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महाकालेश्वर मंदिर

उज्जैन में स्थित महाकाल का मंदिर की भक्तों के बीच बहुत आस्था है। यहां पर अनिल आंबानी, सारा अली खान और विराट कोहली जैसी स्टार्स भी भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। यहां पर महाकाल लोग का भी निर्माण हो चुका है जो भक्तों को और भी ज्यादा आकर्षित करता है।

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बैद्यनाथ मंदिर

झारखंड के देवघर शहर में स्थित ये मंदिर भगवान शिव के प्राचीन, माने हुए और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है. इस मंदिर को भी ज्योतिर्लिंग का स्थान प्राप्त है। भक्तों का मानना है कि ये भगवान शिव के सबसे पवित्र निवासों में से एक है। विशाल मंदिर अपनी कथाओं और वास्तुकला की शैली के लिए भी प्रसिद्ध है, जिसकी महिमा गाते भक्त थकते नहीं है।

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भोजपुर मंदिर


ये मंदिर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कुछ दूरी पर स्थित है। मंदिर की विशेषता ये है कि इसे प्राचीन काल में निर्मित सबसे विशाल शिवलिंग का दर्जा हासिल है। इस मंदिर को पांडवकालीन माना जाता है। बेतवा नदी के  किनारे स्थित इस मंदिर के दर्शन करना भक्तों की अभिलाषा रहती है।
 
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