ज्यादातर बच्चे पढ़ाई न करने के तमाम बहाने अकसर बच्चे बनाते रहते हैं। कई सारे पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में भेजने के साथ-साथ tuition भी लगवाते हैं ताकि वो अच्छा रिजल्ट लेकर आएं। लेकिन फिर भी रिजल्ट कुछ खास नहीं होता। लेकिन वहीं फिर समाज में कुछ ऐसे बच्चे भी हैं तो हर कठिनाई को पार करके अपना लक्ष्य हासिल करने की ओर लगातार काम कर रहे हैं। बोर्ड रिजल्ट 2023 जारी होने के साथ ही हमारे संघर्ष की कई दास्तनें आईं हैं। इनमें कई बच्चे बहुत गरीब परिवार के थे। कुछ के पास फीस जमा करने तक का भी बजट नबीं था तो वहीं कुछ शारीरिक रूप से अक्षम होने के बाद भी टॉपर्स लिस्ट में शामिल हुए। महाराष्ट्रा 12 वीं परीक्षा 2023 में शामिल हुए व्रजेष चेतन शाह की कहानी किसी को भी मोटिवेट करने के लिए काफी है।
पेपर लिखने में आता है मजा
व्रजेश आंशिक रूप से द्दष्टिहीन हैं। ऐसे में बच्चों को बोर्ड पेपर लिखने के लिए स्क्राइब की सुविधा दी जाती है। आंखों की 75 फीसदी रोशनी जाने के बावजूद उन्होंने महाराष्ट्रा बोर्ड 12वीं की परीक्षा खुद लिखी। उनका कहना है कि उन्हें पेपर खुद लिखने में मजा आता है। इसके लिए वह किसी की मदद लेने में सहज नहीं है।
अलग होता है पश्न पत्र
व्रजेश ने मुंबई में स्थित एमसीसी कॉलेज से एचएससी परीक्षा में 86.83% अंक हासिल किए हैं। आंशिक रूप से दृष्टिहीन छात्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। व्रजेश का कहना है कि उनका प्रश्न पत्र सामान्य छात्रों से अलग होता था। उन्हें काफी बड़े फॉन्ट वाला प्रश्न पत्र मिलता था। इससे वह उसमें लिखे प्रश्न पढ़कर आसानी से अपने उत्तर लिख लेते थे। वहीं मुंबई के ही नशराह सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं। उन्होंने महाराष्ट्रा बोर्ड 12वीं परीक्षा में 54.33 फीसदी अंक हासिल किए हैं।