नारी डेस्क: विशेषज्ञों ने चेताया कि पैकेज्ड जूस, यहां तक कि 'स्वस्थ' लेबल वाले भी सेहत के लिए खतरनाक हैं और उनमें पोषण मूल्य कम हैं। उन्होंने इनसे बचने की जरूरत पर बल दिया। प्रोसेस्ड जूस में फाइबर, विटामिन और मिनरल की भी कमी होती है। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। इस साल का थीम 'सभी के लिए पौष्टिक आहार' है।
पैकेज्ड जूस में फलों का गूदा हाेता है कम
फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग की यूनिट बाग की यूनिट हेड- डायटेटिक्स डॉ. श्वेता गुप्ता ने कहा- पैकेज्ड जूस में आमतौर पर फलों का गूदा कम होता है और इनमें चीनी की मात्रा अधिक होने के कारण ये अस्वस्थ होते हैं, जिससे मधुमेह और मोटापे का खतरा होता है - जो देश में बढ़ती स्वास्थ्य चिंता है। ऐसे में पैकेज्ड जूस की बजाय ताजे फल खाने की भी सिफारिश की जा रही है।
पैकेज्ड जूस में नहीं होता विटामिन, खनिज, फाइबर
विशेषज्ञों का कहना है कि- "जब जूस तैयार किया जाता है, तो गूदा निकाल दिया जाता है और इसके साथ ही इसके विटामिन, खनिज, फाइबर भी निकल जाते हैं। इसलिए, अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जूस, खासकर पैकेज्ड जूस से बचें। दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल में मिनिमल एक्सेस, जीआई और बैरिएट्रिक सर्जरी के निदेशक डॉ. सुखविंदर सिंह सग्गू ने आईएएनएस को बताया कि पैकेज्ड फलों के जूस का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है, इंसुलिन प्रतिरोध और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं ।
फ्रूट जूस में फल से ज्यादा होती है चीनी
विशेषज्ञों का मानना है कि- "अपने स्वस्थ ब्रांडिंग के बावजूद, पैकेज्ड फ्रूट जूस में अक्सर अतिरिक्त चीनी होती है और पूरे फलों से मिलने वाले आवश्यक पोषक तत्व और फाइबर नहीं होते। इसके अलावा, इन जूस को बनाने में शामिल प्रसंस्करण अक्सर लाभकारी एंजाइमों को नष्ट कर देता है और उत्पाद की समग्र गुणवत्ता को कम कर देता है।" अगर आप स्वस्थ आहार बनाए रखने का लक्ष्य बना रहे हैं, तो पैकेज्ड फ्रूट जूस से पूरी तरह बचना सबसे अच्छा है। इसके बजाय पूरे फल या ताजा निचोड़ा हुआ जूस चुनें, क्योंकि वे आपके शरीर को आवश्यक संपूर्ण पोषण प्रोफ़ाइल प्रदान करते हैं।