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Nasal Vaccine: दो बूंद... और कोरोना का काम तमाम! अब सूई नहीं नाक के जरिए दी जाएगी वैक्सीन

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 24 Dec, 2022 11:08 AM
Nasal Vaccine: दो बूंद... और कोरोना का काम तमाम! अब सूई नहीं नाक के जरिए दी जाएगी वैक्सीन

कोरोना से चीन में मचे हाहाकार के बीच भारत भी अलर्ट हो गया है। अब  भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited)  के ‘इंट्रानेज़ल कोविड' टीके को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ‘बूस्टर' खुराक के रूप में मंजूरी दे दी है। यह नाक से खुराक देने वाली (बगैर सुई के) दुनिया की पहली कोविड वैक्सीन बन गई है।  इस वैक्सीन को सरकार नेपहले ही  इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी थी। 

 

18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी वैक्सीन

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस टीके में किसी तरह की सूई का इस्तेमाल नहीं होगा और इसे नाक से दिया जाएगा। यह निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगा। इसे एहतियाती खुराक के रूप में उन वयस्कों को दिया जा सकता है जो कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दो खुराक लगवा चुके हैं। चीन और कुछ अन्य देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इस टीके को मंजूरी मिली है। इस ‘बीबीवी154' टीके का 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ‘बूस्टर' खुराक के तौर पर इस्तेमाल करने के वास्ते भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने नंवबर में मंजूरी दे दी थी।

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टीके को बूस्टर के रूप में मिली मंजूरी 

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉक्टर एन के अरोड़ा ने कहा- ‘‘इंट्रानेजल टीका भारत के अनुसंधान एवं विकास कौशल का टीका विकास के क्षेत्र में एक और उदाहरण है। इसे लगाना और श्वसन वाहिका में इससे प्रतिरक्षा अवरोध निर्माण करना आसान है, जिसके माध्यम से वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं।'' एहतियाती खुराक के विकल्पों में से एक के रूप में इंट्रानेजल वैक्सीन को अब मंजूरी दे दी गई है और इसकी अनुशंसा की जाती है।'' 

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सफल रहे परिणाम 

हैदराबाद स्थित टीका निर्माता कंपनी ने एक बयान में कहा था कि इन्कोवैक ‘एडेनोवायरस वेक्टरेड' टीका है जिसके तीन चरण में परीक्षण किए गए, जिसके सफल परिणाम रहे। टीके को वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से उत्पाद विकास और नैदानिक ​​परीक्षणों को भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया। भारत में अब तक जितनी वैक्सीन लगाई जा रही है, वो सभी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन हैं. इन्हें इंजेक्शन के जरिए बांह में लगाया जाता है।

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प्रधानमंत्री ने किया सतर्क 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतने के प्रति आगाह करते हुए कहा था कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।  पीएम मोदी ने लोगों से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क लगाने का आग्रह किया, जबकि अधिकारियों को खासकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर निगरानी संबंधी उपायों को कड़ा करने का निर्देश दिया था।

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