कोई नहीं कह सकता कि मौत किस रूप में आ जाए। इंसान चाहे कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन वह आने वाले संकट को नहीं रोक सकता है। एक 16 साल के युवक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। क्रिकेट खेल रहे इस युवक काे क्या पता था कि वह उसकी जिंदगी का आखिरी खेल होगा।
हार्ट अटैक के बढ़ रहे मामले
भारत में पिछले एक साल में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं। लोगों को अचानक बैठे-बैठे, नाचते, कसरत करते हुए हार्ट अटैक आने क घटनाएं देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां 16 साल के युवक की क्रिकेट खेलने के दौरान मौत हो गई।
ग्राउंड में गिरा युवक
बताया जा रहा है कि 16 साल का लड़का अनुज कुछ दोस्तों के साथ ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहा था। बल्लेबाजी के दौरान वह जैसे ही रन के लिए दौड़ा तभी पिच पर गिर पड़ा। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अनुज के परिवार वाले सदमें में
डॉक्टरों का अंदाजा है कि हार्ट अटैक के चलते अनुज की मौत हुई है। वहीं परिवार वालों का कहना है कि उनका बेटा बिल्कुल स्वस्थ था, उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी। उन्हें विश्वाश नहीं हो रहा है कि महज 16 वर्ष की आयु में उनके बच्चे को हार्ट अटैक कैसे हो सकता है।
हार्ट अटैक के बढ़ रहे मामले
पिछले कुछ महीने में हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. मरने वालों में जवान लोग भी शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद से लोगों में हार्ट संबंधित बीमारियों का जोखिम काफी अधिक बढ़ गया है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना महामारी में सुस्त लाइफस्टाइल, गलत खान-पान और स्ट्रेस लेवल बढ़ने से भी हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा है। लोग स्ट्रेस के कारण स्मोकिंग, ड्रिंकिंग का सहारा लेने लगे है जो उनके लिए खतरनाक साबित हो रहा है।