नारी डेस्क: हिमाचल प्रदेश में मानसून कहर बरसा रहा है। यहां बारिश और भूस्खलन के चलते कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी। हाल ही में नवविवाहित दंपति भी कुदरत के कहर से खुद को नहीं बचा पाए। फरवरी में शादी के बंधन में बंधे इस कपल की मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा उस समय हुआ जब नवविवाहिता महिला अपने पति के साथ अपने मायके आई हुई थी।
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अधिकारियों ने बताया कि राज्य में भारी बारिश के कारण 471 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, विद्यालयों को बंद कर दिया गया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य के मौसम विभाग ने शिमला, कांगड़ा, चंबा, सिरमौर और मंडी सहित राज्य के 12 जिलों में से पांच में बहुत भारी से बेहद भारी बारिश का 'रेड अलर्ट' जारी किया है। चंबा जिले में भारी बारिश के कारण सोमवार तड़के सुतांह गांव में एक मकान के ऊपर एक चट्टान गिर गई, जिससे नवविवाहित दंपति की मौत हो गई। उनकी पहचान सनी और पल्लू के रूप में की गई है।
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बताया गया कि रविवार रात को भारी बारिश के कारण गांव के ऊपरी हिस्से से भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें विशालकाय चट्टानें खिसककर मकान पर आ गिरीं। हादसे के समय पति-पत्नी परिवार के अन्य सदस्यों से अलग, पास में ही एक नए मकान में सोए हुए थे। पुराने मकान में सो रहे अन्य परिजन बाल-बाल बच गए, लेकिन ये नवविवाहित जोड़ा मलबे में दब गया। शिमला जिले के ठियोग, रोहड़ू, जुब्बल, चौपाल और कुमारसैन, मंडी जिले के थुनाग और करसोग, कुल्लू जिले के आनी और सिरमौर जिले के शिलाई में शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं।
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रविवार रात से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। कांगड़ा में सबसे अधिक 147.4 मिमी बारिश हुई, उसके बाद नगरोटा सूरियां (127.4 मिमी), चुवाड़ी (118.3 मिमी), मंडी (112.4 मिमी), जोगिंदरनगर (100 मिमी), नाहन (95.7 मिमी) और पंडोह (86 मिमी) आदि में बारिश हुई। मानसून की 20 जून को शुरुआत के बाद से राज्य भर में बारिश से संबंधित घटनाओं में 72 लोगों की मौत हो गई है और 34 लापता हैं। विभाग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में 34 बार अचानक बाढ़, 22 बार बादल फटने और 21 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे लगभग 1,235 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।