नवरात्रि के आठवें व नौवें दिन पर अष्टमी और नवमी तिथि होती है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी मां की असीम कृपा मिलती है। मगर कंजक पूजा के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कन्या पूजा का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि...
अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 20 अप्रैल 2021, मंगलवार, मध्य रात्रि 12:01 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त- 21 अप्रैल 2021, बुधवार, मध्यरात्रि 12:43 मिनट तक
नवमी पूजा शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि प्रारंभ- 21 अप्रैल 2021 मध्यरात्रि 12:43 मिनट से
नवमी तिथि समाप्त- 22 अप्रैल 2021 मध्यरात्रि 12:35 मिनट पर
कन्याओं की उम्र का रखें ध्यान
2 से 7 साल के बीच की कन्याओं की पूजा करें।
बालक भी जरूर शामिल करें
कंजक पूजा में 9 कन्याओं को और 1 बालक को बैठाएं। बालक के बिना कन्या पूजा अधूरी मानी जाती है।
पानी व दूध को मिलाकर पैर धोएं
कन्याओं व बालक को घर के अंदर प्रवेश करवाने से पहले उनके पैरों को धोएं। इसके लिए एक लोटे में पानी व कच्चा दूध मिलाएं। फिर उनके इस दूध मिश्रित जल से कन्याओं और बालक के पैर धोकर साफ करें। बाद में उनके पैर छूकर उन्हें पूजा वाली जगह पर बैठाएं।
ऐसे करें पूजा
सबसे पहले माता रानी को फूल, चावल व कुमकुम का तिल लगाकर मौली चढ़ाएं। फिर प्रसाद का भोग लगाएं। बाद में कन्याओं और बालक को भी तिलक लगाकर व मौली बांधे। उसके बाद उन्हें प्रसाद खिलाएं।
कन्याओं को विदा करने से पहले करें यह काम
कंजक पूजा करने के बाद कन्याओं को अपनी लाल चुनरी, फल, खिलौने आदि अपनी इच्छा अनुसार तोहफे दें। फिर अपने सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर उनके पैरों को छुकर विदा करें। माना जाता है कि इससे देवी मां का आशीर्वाद मिलता है।