सावन महीना शिव का प्रिय महीना है। इसी माह में नाग पंचमी का त्योहार भी आता है। शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा जो इस बार 25 जुलाई यानि की शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन से नाग देवता की पूजा की जाती है।
बन रहा अद्घुत योग, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
इस साल शिव योग में नाग पंचमी पूजा का एक अद्भुत योग बन रहा है।ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल यह पर्व उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के प्रथम चरण के दुर्लभ योग में पड़ रहा है। इस योग में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजा का विधान शास्त्रों में बताया गया है जिन लोगों को यह दोष है वह इस दिन ज्योतिष अनुसार बताया पूजन कर सकते हैं। इस दिन मंगल भी वृश्चिक लग्न में होंगे। साथ ही भगवान कल्की की जयंती भी इसी दिन है।
पंचमी तिथि मुहूर्त-
24 जुलाई, शाम से 4.10 मिनट से 25 जुलाई, दोपहर 1.55 मिनट तक।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-
सुबह 7.30 मिनट से 9.17 मिनट तक और 11.29 बजे से 12.30 मिनट तक।
कैसे करें महादेव का पूजन
नाग पंचमी के दिन भगवान महादेव और पार्वती की विधि-विधान से पूजन करें। इसके बाद महादेव का रुद्राभिषेक करें और नाग-नागिन की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर दूध, अक्षत, फूल, चंदन और मीठा अर्पित करें। पूजन साम्रगी अर्पित करें और अपनी सारी मुश्किलों का हल व मनोकामना पूरी होने की महादेव से प्रार्थना करें।
मान्यताः नागों की पूजा से नहीं काटते जहरीले जीव
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नाग-नागिन की पूजा करने से विषैले जीव-जंतुओं के काटने का भी डर नहीं रहता है।
इन मंत्रों का करें जाप
इस दिन आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।